जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. कानपुर के स्वरूपनगर स्थित शेल्टर होम में कोरोना संक्रमितों के 57 मामले सामने आने के बाद भी अब तक उसे सील नहीं किया गया है. संरक्षण गृह में कोरोना संक्रमित मामलों के अलावा नाबालिग लड़कियों के गर्भवती पाए जाने के मामले में भी अब तक लीपापोती का काम ही किया जा रहा है.
कल शेल्टर होम में 33 लड़कियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने और दो नाबालिग लड़कियों के 8 महीने के गर्भवती होने की जानकारी सामने आयी थी. यह खबर सामने आने के बाद हड़कम्प मचा तो एक्शन के बजाय प्रशासनिक स्तर पर खबर को निराधार बताने का काम शुरू हो गया लेकिन कानपुर के एसएसपी ने आज बताया कि कोरोना संक्रमितों की संख्या 33 नहीं 57 है और गर्भवती लड़कियों की संख्या भी दो नहीं बल्कि सात है.
एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि लड़कियां जब संरक्षण गृह लाई गई थीं तभी गर्भवती थीं. इनमें पांच संवासनियाँ आगरा, फिरोजाबाद, एटा, कानपुर और कन्नौज की हैं. एसएसपी ने बताया कि आगरा और कन्नौज से रेस्क्यू की गई दो संवासिनी उसी समय गर्भवती पाई गई थीं. इन्हें दिसम्बर में कानपुर लाया गया था.
कानपुर के डीएम डॉ. बी.डी.आर.तिवारी ने ट्वीट कर लड़कियों के गर्भवती होने की खबर को गलत बताते हुए निराधार खबरें फैलाने वालों को चेतावनी दी थी लेकिन आज उन्होंने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. प्रोबेशन अधिकारी ने भी आज यह माना कि शेल्टर होम में क्षमता से अधिक बच्चियां रह रही हैं.
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कानपुर शेल्टर होम के मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा सवाल उठाने के बाद मामला और तूल पकड़ गया. प्रियंका ने कानपुर शेल्टर होम मामले को देवरिया और मुज़फ्फरपुर के शेल्टर होम से जोड़ते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा तो बीजेपी ने कांग्रेस को झूठा बता दिया. योगी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने भी कहा कि प्रदेश में महिला सुरक्षा के दावे खोखले हैं.