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कानपुर शेल्टर होम केस : जानें क्या है पूरा सच

जुबिली स्पेशल डेस्क

लखनऊ। कानपुर के स्वरूपनगर स्थित राजकीय बालगृह (बालिका) में सात संवासिनियों के गर्भवती होने का मामला लगातार सुर्खियों में है। इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। पूरे विपक्ष ने एक साथ योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।

शेल्टर होम में 33 लड़कियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने और दो नाबालिग लड़कियों के 8 महीने के गर्भवती होने की जानकारी सामने आयी थी। यह खबर सामने आने के बाद हड़कम्प मचा तो एक्शन के बजाय प्रशासनिक स्तर पर खबर को निराधार बताने का काम शुरू हो गया लेकिन कानपुर के एसएसपी ने कल बताया कि कोरोना संक्रमितों की संख्या 33 नहीं 57 है और गर्भवती लड़कियों की संख्या भी दो नहीं बल्कि सात है।

अब इस मामले में प्रशासन की जांच रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाला खुलासा सामने आ रहा है। जांच में पाया गया है कि 171 में से सात गर्भवती और 57 कोरोना की चपेट में है। सबसे जरूरी बात यह है कि सात गर्भवती में से छह की उम्र 18 साल से कम बतायी जा रही है।

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इस मामले में पुलिस का बयान भी सामने आ रहा है। एसपी पश्चिम ने कहा है कि सात गर्भवती किशोरियों में से पांच को घर वालों ने अपनाने से इंनकार कर दिया था। इसके आलावा दो ने अपने घर जाने से मना कर दिया था। इस वजह से सभी को बालिका गृह में लाया गया था। पूरे मामले का खुलासा कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार कब दाखिल हुईं संवासिनी गृह में

  • 30 नवम्बर 2019- कानपुर के चौबेपुर से 18 साल की युवती को दाखिल किया गया। यह कोरोना पॉजिटिव पाई निकली, चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
  • 3 दिसम्बर 2019- आगरा से 16 साल की किशोरी को दाखिल किया गया। यह पॉजिटिव है, पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है।
  • 19 दिसम्बर 2019- कन्नौज से 17 साल की किशोरी को दाखिल किया गया। यह संक्रमित है, मुकदमे में विवेचना चल रही है।
  • 23 जनवरी 2020- एटा से 17 साल की किशोरी को दाखिल किया गया। कोरोना संक्रमित है, कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
  • 16 फरवरी 2020- फिरोजाबाद से 16 साल की किशोरी को दाखिल किया गया। यह पॉजिटिव है, कोर्ट में चार्जशीट दाखिल है
  • 23 फरवरी 2020- एटा से 17 साल की किशोरी को यहां लाया गया। इसकी रिपोर्ट निगेटिव है – न्यायालय में चार्जशीट दाखिल है।
  • 09 जून 2020- कानपुर शहर से 15 साल की किशोरी को दाखिल किया गया। इसकी रिपोर्ट भी निगेटिव है, विवेचना चल रही है।

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बता दें कि इस मामले में सूबे की राजनीति में घमासान तेज हो गया था। कानपुर शेल्टर होम के मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा सवाल उठाने के बाद मामला और तूल पकड़ गया।

प्रियंका ने कानपुर शेल्टर होम मामले को देवरिया और मुफ्फरपुर के शेल्टर होम से जोड़ते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा तो बीजेपी ने कांग्रेस को झूठा बता दिया। योगी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने भी कहा कि प्रदेश में महिला सुरक्षा के दावे खोखले हैं। वहीं अखिलेश और शिवपाल ने भी योगी सरकार पर हमला बोला था।

पुलिस ने और क्या बताया

पुलिस ने इस मामले पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पांच गर्भवती किशोरियों ने कोर्ट में कहा था कि वो अपने घर नहीं जाना चाहती है। इसके बाद उन्हें बालिका गृह भेज दिया गया। दूसरी ओर दो लड़कियों के परिजनों ने कोर्ट में कहा था कि उनका अब इनसे कोई लेना-देना नहीं है। इस वजह से संवासिनी गृह भेजा गया। सातों गर्भवती संवासिनियों के मामले में बहला-फुसलाकर भगा ले जाना, रेप, छेड़छाड़ और पाक्सो एक्ट की धाराओं में एफआईआर दर्ज है। एसपी के मुताबिक पांच मामलों में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी, जबकि दो की विवेचना चल रही है।

एसपी ने बताया कि संवासिनी गृह को सील कर दिया गया है। बालिका गृह में उपलब्ध रिकॉर्ड भी सील हैं। यहां के कर्मचारी क्वारंटीन किए गए हैं। ऐसे में पूरा रिकॉर्ड मिलने में काफी दिक्कत और देर हो रही है।

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