जुबिली न्यूज़ डेस्क
यूपी के कानपुर में मुठभेड़ के दौरान सीओ, इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में चौबेपुल थानाध्यक्ष विनय तिवारी से भी पूछताछ की। इसी थाने के अंतर्गत विकास दुबे का गांव आता है। बताया जा रहा है जब विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश दी गई तो बाकी थानों की फोर्स एसओ और सीओ आगे बढ़ गए मगर एसओ चौबेपुल विनय तिवारी जेसीबी के पीछे रहे।
जबकि थानाक्षेत्र उनका था, इलाके में लगाए गए बीट कांस्टेबल उन्हें रिपोर्ट करते थे। गांव की भौगोलिक स्थिति के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी थी। उसके बाद भी वह आगे नहीं बढ़े। इसी मामले में एसटीएफ के अधिकारियों ने देर शाम एसओ चौबेपुर से भी पूछताछ की।
इधर सूत्रों से जानकारी मिली है कि चौबेपुर थाने के ही एक दारोगा ने ही विकास दुबे को पुलिस रेड की सूचना पहले ही दे दी थी। शुक्रवार रात पुलिस की करीब बीस टीमें अलग अलग जिलों में विकास दुबे की तलाश में दबिश देता रही। ये वो जगहें थी, जहां पर विकास दुबे के रिश्तेदार और परिचित रहते हैं। पुलिस ने इस मामले में 12 और लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस ने इन लोगों को मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर उठाया है।
सूत्रों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में इन लोगों से विकास दुबे की बातचीत हुई थी। हैरानी की बात है कि विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं. ये बेहद हैरान करने वाला तथ्य है। जानकारी के मुताबिक पुलिस की जांच में सामने आया है कि चौबेपुर थाने के ही एक दारोगा ने विकास दुबे को पुलिस के आने की जानकारी पहले ही दे दी थी। इस वक्त पुलिस के शक के घेरे में एक दारोगा, एक सिपाही और एक होमगार्ड है। तीनों की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने एक सवाल के जवाब में बड़े तल्ख शब्दों में कहा कि हमारे परिवार के 8 जवान शहीद हुए हैं। पुलिस को किसी से भी पूछताछ करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने समाज के लोगों से अनुरोध है कि पुलिस की जांच में सहयोग करें। हमारे 8 लोग मारे गए, सात लोग घायल हुए हैं। कार्रवाई तो होगी ही और सख्त कार्रवाई होगी। इस घटना ने समाज को सोचने पर भी विवश कर दिया है।
जमीन के एक मामले में जादेपुर गस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने चौबेपुर पुलिस से शिकायत करते हुए तहरीर दी थी। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को एसओ चौबेपुर विनय तिवारी विकास दुबे से मिलने उसके घर गए थे। एसओ ने उससे पूछताछ की। जिसके चलते दोनों के बीच झड़प हुई। विकास और एसओ के बीच हाथापाई भी हो गई थी जिसके बाद पुलिस लौट आई।
गुरुवार को पुलिस ने राहुल तिवारी द्वारा दी गई तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली और उसके बाद विकास को पकड़ने के लिए सीओ बिल्हौर के नेतृत्व में दबिश के लिए ऑपरेशन तैयार किया गया।
राहुल से मिली जानकारी के मुताबिक विकास ने उसके ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन का जबरन दानपात्र में बैनामा करा लिया था। इसे लेकर राहुल ने कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया। उसी मामले में 1 जुलाई को विकास दुबे, सुनील, बाल गोविंद, शिवम दुबे, अमर दुबे ने उसे रास्ते में रोका, मारा पीटा और बंधक बना लिया। मुकदमा वापस लेने का दवाब बनाते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी।