जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव में जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की भी परीक्षा है. कन्हैया इस चुनाव में प्रत्याशी नहीं स्टार प्रचारक की भूमिका में दिखेंगे. महागठबंधन ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई) के लिए बेगुसराय में तीन सीटें छोड़ी हैं. कन्हैया से सीपीआई ने विधानसभा चुनाव लड़ने को कहा था लेकिन इसके लिए कन्हैया ने मना कर दिया है लेकिन सीपीआई के प्रत्याशियों के प्रचार का ज़िम्मा संभालना स्वीकार कर लिया है.
सीपीआई नेताओं का कहना है कि महागठबंधन अगर अपनी अन्य सीटों पर कन्हैया से प्रचार कराना चाहेगा तो सीपीआई इस पर गंभीरता से विचार करेगी. कन्हैया की ज़िम्मेदारी फिलहाल बछवाड़ा, तेघड़ा और बखरी विधानसभा सीटों की है.
कांग्रेस हालांकि कन्हैया को पीएम मोदी के खिलाफ एक बड़े औजार के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है. लालू प्रसाद यादव कन्हैया को लेकर सहज नहीं हैं. वह चाहते हैं कि चुनाव में तेजस्वी यादव को ज्यादा तवज्जो मिले लेकिन स्टार प्रचारक के रूप में उन्होंने कन्हैया का नाम स्वीकार कर लिया है.
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कन्हैया कुमार का कहना है कि वह खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन पार्टी जो ज़िम्मेदारी देगी उसका निर्वाह वह पूरी मेहनत से करेंगे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया हालांकि बीजेपी के गिरिराज सिंह से हार गए थे लेकिन यह पूरा चुनाव कन्हैया के इर्द-गिर्द ही सिमट गया था. इस चुनाव की चर्चा देश भर में हुई थी.