न्यूज़ डेस्क
हाल ही में फोर्ब्स ने टॉप 20 प्रभावशाली लोगों की सूची जारी की है। जारी की गयी इस लिस्ट में सात भारतीय मूल के लोगों ने जगह बने हैं। खास बात ये है कि इस बार दो बिहारियों ने भी इस लिस्ट में शामिल हुए हैं और दोनों का ही राजनीति से अहम संबंध है। पिछले कुछ दिनों में दोनों ही सियासी गलियारों में काफी चर्चा में भी रहें हैं।
फोर्ब्स ने जिन दो बिहारियों को टॉप 20 की लिस्ट में शामिल किया है। उनमें जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार हैं। फोर्ब्स के अनुसार आने वाले दशक में ये दोनों ही भारतीय राजनीति में निर्णायक चेहरे हो सकते हैं. प्रभावशाली लोगों की सूची में कन्हैया कुमार को 12वां जबकि प्रशांत किशोर को 16वां स्थान मिला है।
इन दोनों के अलावा मैग्जीन ने पांच अन्य भारतीय मूल के लोगों को भी सूची में शामिल किया है. राजनीतिक हिस्तियों में देखा जाए तो इनके अलावा इसमें श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न, पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का नाम शामिल है।
फोर्ब्स ने कन्हैया कुमार को अपनी लिस्ट में जारी करते हुए कहा कि वे जेएनयू में छात्र राजनीति का चेहरा उस समय बने जब 2016 में उन्होंने देशद्रोह के आरोपों का मजबूती से जवाब दिया। उन्होंने जेएनयू से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।
उन्होंने बिहार के बेगूसराय से 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन वो भाजपा के गिरिराज सिंह से चार लाख 20 हजार वोटों से हार गए। ये कन्हैया की पहली राजनीतिक लड़ाई लड़ी थी।
वहीं,प्रशांत किशोर के संबंध में फोर्ब्स ने बताया कि वे 2011 से राजनीतिक रणनीतिकार हैं। भाजपा को गुजरात चुनाव जिताने में मदद करने वाले पीके अब एक संगठन के संरक्षक के तौर पर काम कर रहे हैं।
2019 में उनके संगठन आई पैक ने तेलंगाना में वाईएसआर जगमोहन रेड्डी और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के लिये अहम भूमिका निभाई। फिलहाल अभी वो दिल्ली में आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनाव के लिए सलाह दे रहे हैं।