न्यूज डेस्क
हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी के हत्यारे अशफाक और मोईनुद्दीन को गिरफ्तार करने में आखिरकार गुजरात एटीएस ने सफलता हासिल की है। दोनों को गुजरात-राजस्थान की सीमा पर शमलाजी के पास से पकड़ा गया है।
गुजरात एटीएस की शुरुआती पूछताछ में दोनों ने हत्या का जुर्म स्वीकार किया है। एक दिन पूर्व ही डीजीपी ओपी सिंह ने दोनों हत्यारों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
बता दें कि लखनऊ के खुर्शेदबाग में 18 अक्टूबर को दिनदहाड़े कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद दोनों हत्यारे लखनऊ, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत व अन्य स्थानों पर छिपते रहे, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस चार दिनों तक पीछा करने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही।
लेकिन गुजरात एटीएस के डीआइजी हिमांशु शुक्ला के नेतृत्व में काम कर रही टीम ने कमलेश के हत्यारोपित ग्रीन व्यू अपार्टमेंट सूरत निवासी अशफाक हुसैन जाकिर हुसैन शेख (34) और लो कास्ट कालोनी सूरत निवासी मोईनुद्दीइन खुर्शीद पठान (27) को पकड़ा है।
अशफाक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है और मोईनुद्दीन डिलीवरी ब्वॉय का काम करता है। बताया गया कि दोनों आरोपितों के पास रुपये खत्म हो गए थे। दोनों ने रुपयों के बंदोबस्त के लिए अपने परिवारीजन से संपर्क किया था। गुजरात पुलिस ने सर्विलांस के जरिये मिले अहम सुराग के आधार पर अपना जाल बिछाया और उन्हें दबोच लिया।
दोनों हत्यारोपी एक दिन पूर्व नेपाल से शाहजहांपुर पहुंचे थे और गुजरात भागने की फिराक में थे। यूपी पुलिस की एक टीम गुजरात रवाना की जा रही है। दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा।
गुजरात एटीएस की ओर जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, दोनों का नाम 18 अक्टूबर को लखनऊ में हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड में सामने आ रहा था। शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने इस बात को कबूला है कि उन्होंने कमलेश तिवारी द्धारा दिए गए भड़काऊ भाषण की वजह से वारदात को अंजाम दिया। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद इन आरोपियों को उत्तर प्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।
यूपी डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि घटना के बाद से पुलिस लगातार दोनों हत्यारों पर दबाव बनाए थी, जिसके परिणाम में वे गुजरात में पकड़े गए।
गौरतलब है कि गुजरात एटीएस ने ही 19 अक्टूबर को कमलेश हत्याकांड के साजिशकर्ता राशिद पठान, मौलाना मोहसिन शेख व फैजान को पकड़ा था। बाद में उन्हें यूपी पुलिस के हवाले कर दिया था। दोनों हत्यारों से पूछताछ में अब कई अहम राज सामने आएगे।
मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी अब तक कुल 200 संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर चुकी है। गिरफ्तार किए गए चार साजिशकर्ताओं ने पूछताछ में कई अहम जानकारी दी है। लखनऊ पुलिस के मुताबिक हत्याकांड की विवेचना लगभग पूरी हो गई है। अब तक बरामद सभी साक्ष्यों को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा।
दूसरी ओर सरकार की कार्रवाई पर कमलेश तिवारी की मां कुसुम ने खुशी जाहिर की है। कुसुम तिवारी ने कहा कि हम आरोपियों की गिरफ्तारी से बहुत खुश हैं। सभी को फांसी दे दी जानी चाहिए। मैं सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हूं।