स्पेशल डेस्क
भोपाल। मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच लम्बे समय से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी से किनारा करते हुए अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया है। इसके साथ ही मंगलवार की शाम सिंधिया बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। दूसरी ओर उनके कांग्रेस छोडऩे से कमलनाथ की सरकार का गिरना भी अब लगभग तय नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 19 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं। कहा जा रहा है कि नरेंद्र सिंह तोमर हो सकते हैं मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री।
उधर सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, उससे बेईमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि इस फैसले से पार्टी का नुकसान हुआ है और लगता है मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी।
इससे पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार की सुबह करीब एक घंटे तक पीएम नरेंद्र मोदी, व गृहमंत्री अमित शाह के साथ अहम बैठक की। इसके बाद ही तय हो गया था कि सिंधिया कांग्रेस छोड़ सकते हैं। बता दें कि सिंधिया अपने आवास से अकेले खुद कार चलाकर अमित शाह के घर पहुंचे थे।
मध्य प्रदेश में जारी सियासी गहमागहमी एकाएक तेज हो गई है। सिंधिया के कांगेस छोडऩे से मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरना भी तय माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के बागी विधायकों की संख्या अब 20 हो चुकी है। ऐसे में कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी एक बार फिर सत्ता में आ सकती है।
विधानसभा का गणित
- मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं
- 2 विधायकों का निधन हो गया है
- विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है
- कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं
- जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है
- कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन हासिल है
- इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है
- जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं