न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर एक पत्र सौंपा। इस पत्र में उन्होंने बीजेपी पर विधायकों की ‘हॉर्सट्रेडिंग’ का आरोप लगाया। कमलनाथ ने तीन पेज का यह पत्र राज्यपाल को सौंपने के साथ ही उन्हें राजनैतिक हालातों से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि मैं बीजेपी के अनैतिक, कदाचार और गैरकानूनी कृत्य की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने पर बाध्य हूं। कांग्रेस के विधायकों को जबरन बेंगलुरु ले जाने का नाटक 3 और 4 मार्च 2020 की आधी रात को शुरू हुआ था, वो सार्वजनिक है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने विधायकों को लालच और बलपूर्वक बंधक बनाकर रखने के प्रयास को विफल कर दिया।
Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath’s letter to Governor Lalji Tandon requesting ‘floor test in the forthcoming session of the assembly on a date fixed by the Speaker’. pic.twitter.com/xWI6rc0RI5
— ANI (@ANI) March 13, 2020
पत्र में लिखा कि बीजेपी ने 8 मार्च 2020 को कांग्रेस पार्टी के 19 विधायकों को बेंगलुरु ले जाने के लिए तीन विशेष हवाई जहाजों का इंतजाम किया, तब से 19 विधायक, जिसमें से छह कैबिनेट मंत्री हैं उनसे कोई संपर्क नहीं है और वे भाजपा द्वारा प्रबंध किए गए एक रिसॉर्ट में बंधक है। उनसे किसी को मिलने नहीं दिया गया और न ही उन बंधक 19 विधायकों के साथ किसी प्रकार का संपर्क हो पाया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि 12 मार्च 2020 को मध्य प्रदेश के दो कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह यादव, विधायक मनोज चौधरी के पिता नारायण सिंह चौधरी बंधक विधायकों से मिलने पहुंचे थे, लेकिन स्थानीय पुलिस ने उनके मुलाकात नहीं करने दी।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल लालजी टंडन से निवेदन किया है कि बेंगलुरू स्थित विधायकों के विधानसभा पहुंचने पर ही फ्लोर टेस्ट कराया जाए।
गौरतलब है कि बेंगलुरू में मौजूद कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को आज विशेष विमान से भोपाल लाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक भोपाल एयरपोर्ट से विधानसभा तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 200 से ज्यादा जवान सुरक्षा में तैनात किए गए हैं।
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