जुबिली न्यूज़ डेस्क।
पी. चिदंबरम, डी. के. शिवकुमार जैसे कांग्रेस नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों के कसते शिकंजे के बादमध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ की एक बार फिर उनकी परेशानी बढ़ सकती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों को फिर से खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
शिरोमणि अकाली दल के मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुद्वारा रकाबगंज पर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि उस केस से जुड़े दो गवाह बयान देने के लिए तैयार हैं। उन लोगों से बातचीत हुई और वो एसआईटी के सामने जाने के लिए तैयार हैं। एसआईटी के अधिकारियों से उनकी बातचीत हुई और जवाब में एसआईटी का कहना है कि वो बयान दर्ज कराने के लिए समय देंगे।
MS Sirsa, Shiromani Akali Dal: We demand that Congress president immediately takes resignation of Kamal Nath & oust him from his post so that the Sikhs get justice. We also demand that the 2 witness be given security as they will testify against a CM in connection with a massacre https://t.co/7y7q6YlrlS
— ANI (@ANI) September 9, 2019
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को कमलनाथ से इस्तीफा लेना चाहिए और उन्हें उनके पद से हटा देना चाहिए ताकि सिख समाज को इंसाफ मिल सके। इसके साथ ही उनकी मांग है कि दोनों गवाहों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए क्योंकि यह मामला अब एक मुख्यमंत्री से जुड़ा हुआ है।
सिरसा ने यह भी कहा कि उन्हें यकीन है कि कमलनाथ ऐसे पहले शख्स होंगे जो पद पर रहते हुए गिरफ्तार होंगे। उन्होंने कहा कि 35 साल पहले दिल्ली की सड़कों पर सिख समाज के साथ जो कुछ हुआ उसे कोई कैसे भूल सकता है।
सिखों के खिलाफ जो हिंसा हुई थी उससे कांग्रेस कैसे बच सकती है। कांग्रेस का इतिहास और वर्तमान यही है कि वो 84 के लिए जिम्मेदार लोगों को बचा रही है। पिछले 35 वर्षों में जिस दुख और दर्द के साथ हम जी रहे हैं उसका सिर्फ एक ही समाधान है कि जो लोग उस वारदात के लिए जिम्मेदार थे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
यह भी पढ़ें : तो नए गॉडफादर की तलाश में हैं कांग्रेस नेता
यह भी पढ़ें : RSS की बैठक में मोदी सरकार के किस काम पर उठे सवाल ?