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कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा है कि वह पार्टी से बगावत करने के मूड में हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव और इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए धुआंधार प्रचार करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की इन दिनों झाबुआ उपचुनाव से दूरी पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
दिल्ली की मीडिया में खबरें चल रही हैं कि संजय निरुपम और ज्योतिरादित्य सिंधिया अब कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले 1 सप्ताह से मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने कांग्रेसी व मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ कुछ बयान भी दिए हैं। इसके अलावा अपनी बुआ भाजपा नेता यशोधरा राजे सिंधिया एवं वसुंधरा राजे सिंधिया जिस अंदाज में उन्होंने पिछले दिनों मुलाकात की, उससे कयासों को बल मिलता है।
गौरतलब है कि हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी को आत्मचिंतन की नसीहत दी है। दरअसल, राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा को लेकर सलमान खुर्शीद का अजीबो-गरीब बयान आया जिसपर अपनी राय देते हुए सिंधिया ने कांग्रेस को ये सुझाव दिया था।
वहीं कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार को नाकाम बताया है।
क्यों बने ऐसे हालात
बता दें कि 2018 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के समय ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस की ओर से सीएम का चेहरा बताया जा रहा था जबकि चुनाव परिणाम आने के बाद कमलनाथ को सीएम बनाया गया। इस पूरे प्रकरण को लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
इतना ही नहीं सीएम की कुर्सी हाथ से निकलने के बाद सिंधिया के समर्थकों ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की लेकिन यहां भी उन्हें निराश होना पड़ा। इस बीच राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने और उनके करीबियों को अलग-थलग किए जाने की ख़बरें भी मीडिया पर आईं हैं।
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