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जस्टिस शरद अरविंद बोबडे बने 47वें CJI, इस मामले में ‘गोगोई’ पर सुना चुके हैं फैसला

जुबिली न्यूज़ डेस्क

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे सोमवार को भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस बोबडे जस्टिस रंजन गोगोई की जगह देश के नए सीजेआई होंगे।

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जस्टिस बोबडे महाराष्ट्र के एक प्रख्यात वकीलों के परिवार से आते हैं। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे बोबडे को अप्रैल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल 2021 तक देश के सीजेआई के रूप में कार्य करेंगे।

पूर्व सीजेआई गोगोई को दी थी क्लीन चिट

न्यायमूर्ति बोबडे की अध्यक्षता में ही सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय समिति ने पूर्व CJI रंजन गोगोई को पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले में क्लीन चिट दी थी। इस समिति में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा भी शामिल थीं।

आधार कार्ड से जुड़े अहम फैसला सुनाने वाली पीठ में भी थे शामिल

न्यायमूर्ति बोबडे 2015 में उस 3 सदस्यीय पीठ में शामिल थे जिसने स्पष्ट किया कि भारत के किसी भी नागरिक को आधार संख्या के अभाव में मूल सेवाओं और सरकारी सेवाओं से वंचित नहीं किया जा सकता।

अयोध्या फैसले में रहे हैं शामिल

अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला देकर 1950 से चल रहे विवाद का पटाक्षेप करने वाली 5 जजों की बेंच में जस्टिस बोबडे भी थे। अगस्त 2017 में तत्कालीन CJI जेएस खेहर की अध्यक्षता में 9 जजों की पीठ ने एकमत से निजता के अधिकार को भारत में संवैधानिक रूप से संरक्षित मूल अधिकार होने का फैसला दिया था। इस पीठ में भी जस्टिस बोबडे शामिल थे।

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