पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील के बाद जूनियर डॉक्टर सशर्त वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि हम सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बात करने को तैयार है लेकिन बैठक कहां होगी ये हम तय करेंगे।
जूनियर डॉक्टर के अनुसार, ममता बनर्जी ने नबन्ना में हमको बंद कमरे में बैठक करने के लिए बुलाया है, लेकिन हम बंद कमरे में उनके साथ बैठक कैसे कर सकते हैं, क्योंकि इस लड़ाई में पूरा राज्य हमारे साथ है। डॉक्टरों का कहना है कि यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए अहंकार की लड़ाई बन चुकी है, लेकिन हमारे लिए यह अस्तित्व की लड़ाई है।
डॉक्टरों ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि जिन जूनियर डॉक्टर परिबाहा मुखोपाध्याय पर हमला किया गया, उनसे सीएम ममता बनर्जी मुलाकात करें। यह कोई अचानक हमला नहीं था, बल्कि सुनियोजित तरीके से किया गया हमला था। उनका कहना है कि पूरे राज्य में 230 से ज्यादा बार डॉक्टरों पर हमले हुए, लेकिन ममता बनर्जी कहती हैं कि डॉक्टरों पर होने वाले हमले के 99 फीसदी मामलों को संजीदगी से देखा जाता है और कार्रवाई की जाती है।
डॉक्टरों का कहना, ‘ममता बनर्जी ने कहा कि जब वो एसएसकेएम हॉस्पिटल गईं, तो उन पर हमला हुआ, जो सच नहीं है। वो बैरीकेट के घेरे में थीं और हम लोग न्याय की मांग करते हुए सिर्फ नारे लगा रहे थे। ममता बनर्जी हमारी तुलना पुलिस से करती हैं। हम पुलिस का सम्मान करते हैं, लेकिन उन लोगों को ट्रेनिंग और हथियार दिए जाते हैं। वहीं, हम लोगों को हथियार चलाने के लिए ट्रेंड नहीं किया जाता है।’
डॉक्टरों के अनुसार, ममता बनर्जी कह रही हैं कि यह बाहरी लोगों का आंदोलन बन चुका है, लेकिन हम कहते हैं कि यह सिर्फ जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन नहीं है। यह पूरे देश के स्वास्थ्य महकमे का आंदोलन है। हालांकि हम इस पर चर्चा करना चाहते हैं और गतिरोध को खत्म करना चाहते हैं।
बताते चले कि ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि बीमार मरीजों के परिजन इंतजार कर रहे हैं। हमने डॉक्टरों की अधिकांश मांगें मान ली हैं। लिहाजा हड़ताल को अब खत्म किया जाए।