प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. तबला शिरोमणि स्वर्गीय पंडित बद्री महाराज की स्मृति में होने वाला वार्षिक आयोजन इस बार ऑनलाइन आयोजन में बदल गया. कोविड-19 की गाइडलाइन के स्पीडब्रेकर ने संगीत की शानदार महफ़िल को फेसबुक के पर्दे से झांककर देखने को मजबूर कर दिया.
तबला शिरोमणि पंडित बद्री महाराज की स्मृतियाँ भी सजानी थीं और कोरोना की महामारी भी सामने खड़ी थी. परिवार ने बीच का रास्ता निकाला और ऑनलाइन कार्यक्रम कर गाइडलाइन का पालन भी कर लिया और श्रंखला भी नहीं टूटने दी.
टीएनबी पब्लिक वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित इस संगीत समारोह में चतुर्मुखी तबला वादक वरिष्ठ गुरु पंडित रविनाथ मिश्र ने तबला वादन कर अपने पिता स्वर्गीय पंडित बद्री महाराज को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये. बद्री महाराज जी की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम की सबसे ख़ास बात यह रही कि एक तरफ उनके पुत्र पंडित रविनाथ मिश्र ने तबला वादन कर अपने पिता की शिक्षा का शानदार प्रदर्शन किया तो वहीं बद्री महाराज की पौत्री के पुत्र मास्टर आराध्य प्रवीण ने भी तबला वादन में अपनी प्रवीणता का प्रदर्शन किया.
नाना और नाती (पंडित रविनाथ मिश्र और आराध्य प्रवीण) ने युगल तबला वादन किया तो लोग मंत्रमुग्ध हो गए. नाना और नाती ने तीन ताल 16 मात्रा में प्रस्तुत अपने कार्यक्रम की शुरुआत बंदिश की उठान से की. इसके बाद प्रस्तार, ठेके की बढ़त को लयकारियों के साथ पेश किया. नाना और नाती ने बनारस घराने के बाद लखनऊ घराने को अनागत का टुकड़ा, ताल तिहाई का, सैम-विषम आदि को शानदार तरीके से पेश किया. नाना और नाती की यह जोड़ी देश भर में पहचानी जाती है. आराध्य सुप्रसिद्ध कथक नृत्यांगना और रवि नाथ मिश्र की बेटी मनीषा मिश्रा का पुत्र है.
इस कार्यक्रम में बाल सितार वादक मास्टर संकल्प मिश्र ने राग यमन से अपने कार्यक्रम की शुरुआत की. आलाप, विलंबित बंदिश (रूपक ताल पर आधारित) को शानदार तरीके से पेश किया. तबला और सितार की जुगलबंदी भी देखने के लायक थी.
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सुप्रसिद्ध शास्त्रीय व उप शास्त्रीय गायिका मंजूषा मिश्रा ने राग बागेश्वरी विलंबित तीन ताल में बड़ा ख्याल तथा द्रुत लय में तीन ताल एवं एक ताल में छोटा ख्याल पेश किया. अंत में दादरा दीवाना किये श्याम क्या जादू डाला था को पेश किया.