जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. बांदा जेल में बंद पूर्वांचल के माफिया सरगना और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के दो मुकदमों की सुनवाई से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस राजीव गुप्ता ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. उन्होंने दोनों मामलों की फ़ाइल चीफ जस्टिस को भेज दी है.
दरअसल वर्ष 2012-2013 में विधायक निधि में भ्रष्टाचार के मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई. मुख्तार अंसारी ने इस चार्जशीट को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वह पिछले 17 साल से जेल में बंद हैं.ऐसे में वह कोई गड़बड़ी कैसे कर सकते हैं.
उन्होंने तो अपनी विधायक निधि के स्कूलों में इस्तेमाल किये जाने की सिफारिश कर दी थी. वह पैसे कहाँ और किस तरह से खर्च किये जा रहे हैं उन पर वह जेल में रहते हुए नज़र नहीं रख सकते थे. इस काम की सच्चाई जानने का ज़िम्मा तो जिला प्रशासन का था. सवाल भी उसी से पूछा जाना चाहिए और उनके खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट को रद्द कर देना चाहिए.
मुख्तार अंसारी के खिलाफ एक दूसरा मामला आज़मगढ़ के तिर्वा का मामला है. गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज इस मुकदमे में मुख्तार ने ज़मानत माँगी थी. इन दोनों मामलों की सुनवाई जस्टिस राजीव गुप्ता को करनी थी. जस्टिस राजीव गुप्ता ने मुख्तार अंसारी के दोनों मामले चीफ जस्टिस राजेश बिंदल के भेज दिए और खुद को इन मुकदमों से अलग कर लिया. जस्टिस बिंदल अब इन मामलों को दूसरे किसी जज को सौंपेंगे. मुख्तार की ज़मानत अर्जी पर 28 अप्रैल को और विधायक निधि वाले मामले पर दो मई को सुनवाई होगी.
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