जुबिली न्यूज़ डेस्क
केरल में 6 अप्रैल को विधानसभा के लिए मतदान होना है। इससे पहले यहां का चुनावी अखाड़ा तरह-तरह के दावे और वादों से गूंज रहा है। भारतीय जनता पार्टी यहां पर खुद को एक विकल्प के तौर पर पेश करना चाहती है और एलडीएफ और यूडीएफ को सत्ता से बेदखल करना चाहती है। यहां पर विभिन्न पार्टियों नेता अपनी चुनावी सभा कर रहे हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी यहां पर चुनावी सभा को संबोधित किया है। अपने भाषण में उन्होंने केरल की मौजूदा सरकार की तुलना जुडस से की है। आपको बता दें कि केरल में हिंदुओं के अलावा मुस्लिम और ईसाई धर्म को मानने वालों की अच्छी खासी है।
आपको बता दें कि जूडस ईसा मसीह के बनाए 12 धर्मप्रचारकों में से एक थे। कहा जाता है कि उन्होंने यीशु को धोखा दिया और चांदी के चंद सिक्कों के लालच में यीशु के विरोधियों का साथ दिया। गोस्पेल ऑफ जॉन में कहा गया है कि जूडस ही अनुयायियों के पैसों वाले थेले को लेकर गया था।
इस कहानी में किस ऑफ जूडस का जिक्र है, जिसमें कहा गया है कि उसने प्रधान पादरी के सैनिकों के सामने यीशु की पहचान को उन्हें चूम कर उजागर किया था। इसके बाद पादरी ने यीशु को पोंटिस पिलेट के सैनिकों को सौंप दिया था, जिसके बाद उन्हें बंदी बना लिया गया था।
जूडस की मौत के संबंध में काफी विरोधाभास है। इसके अलग-अलग विवरण सामने आते हैं। एक कहानी में बताया गया है कि जूडस अपने किए कृत्य पर काफी दुखी हुआ और उसने पैसों से भरा थैला पादरी को वापस कर दिया था। इसके बाद उसने आत्महत्या कर ली थी।
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एक अन्य विवरण में कहा गया है कि जो पैसों का थैला जूड को मिला था उससे उसने एक खेत खरीदा लेकिन वहां पर वो सिर के बल गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई। कुछ में यहां तक कहा गया है कि जब जूडस द्वारा किए गए विश्वासघात के बारे में अन्य 11 धर्म प्रचारकों को जानकारी हुई तो उन्होंने ही उसको पत्थर मार-मार खत्म कर दिया था।
कुछ कथाओं में जूडस को रथ के पहिए के नीचे कुचलकर मारने की भी बात सामने आती है। जूडस ने चांदी के महज 30 टुकड़ों के लिए यीशु को धोखा दे दिया था। कहा जाता है कि यीशु को पहले से ही इस बारे में पता था कि उनके साथ क्या होने वाला है।
इसके बाद भी उन्होंने ये सोचकर कछ नहीं किया क्योंकि उन्हें लगता था कि प्रभु की यही इच्छा है। कहा ये भी जाता है कि जूडस के शरीर में एक शैतानी आत्मा ने प्रवेश कर उससे वो सब कुछ कराया जो उसको नहीं करना चाहिए था।