स्पेशल डेस्क
लखनऊ। आजाद खबर के वादे से शुरू हुए जुबिली पोस्ट ने एक साल पूरे कर लिए। इस अवसर पर सफलता का सालाना जश्न का भव्य आयोजन किया गया।
लखनऊ के एक नामचीन होटल में भव्य कार्यक्रम में पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाने वाले पत्रकारों का सम्मान भी किया गया। इसके आलावा कार्यक्रम में चार चांद लगाने के लिए मशहूर गजल गायक डा. ठाकुर भरत श्रीवास्तव ने अपनी सुरमयी आवाज से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
समारोह में डिजिटल मीडिया : सम्भावनाएं एवं चुनौतियों को लेकर संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। जिसमें देश के जाने- माने पत्रकारों ने अपने विचार रखे और मार्गदर्शन के लिए कुछ खास टिप्स भी दी।
कार्यक्रम की शुरुआत जुबिली पोस्ट के प्रधान संपादक डॉ. उत्कर्ष सिनहा ने की। जलसे की शुरुआत दीप प्रज्जवल से हुई। इसके बाद एक साल पूरे होने पर समय से संवाद नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। इस पुस्तक में जुबिली टीम के सदस्यों ने और जुबिली पोस्ट के कॉन्ट्रीब्यूटर के प्रमुख लेखों का विश्लेषण पेश किया गया है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह, टीवी दुनिया के चर्चित नाम अजित अंजुम, माई एफएम के डिजिटल हेड रंजीत कुमार, आउटलुक पत्रिका के प्रधान संपादक हरवीर सिंह के साथ यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रसपा के मुख्य प्रवक्ता चंद्र प्रकाश राय, सपा नेता उदयवीर सिंह भी मौजूद थे।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए जुबिली पोस्ट के मुख्य संपादक डॉ. उत्कर्ष सिनहा ने कहा कि बीते एक साल को चुनौती के तौर पर जुबिली पोस्ट टीम ने लिया। उन्होंने कहा कि आजाद खबर के वादे के साथ शुरू हुए जुबिली पोस्ट ने अब अखबरों व न्यूज पोर्टल की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनायी है। उन्होंने कहा कि उनकी युवा टीम हर दिन कुछ नया करने का सतत् प्रयास करती रहती है। उन्होंने जुबिली पोस्ट टीम की एक शॉर्ट मूवी के माध्यम से जुबिली टीम के द्वारा बीते एक साल में किये गए कार्य को बताया।
इस अवसर पर टीवी जगत के मशहूर वरिष्ठ पत्रकार अजित अंजुम ने कहा कि जुबिली पोस्ट डिजिटल के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा जो आवाज टीवी व समाचार पत्रों में दबा दी जाती है उन खबरों को सोशल मीडिया व न्यूज पोर्टल के प्लेटफॉर्म से उठाया जाता है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में मीडिया की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है लेकिन जुबिली पोस्ट इस कठिन दौर में निष्पक्ष पत्रकारिता वाकई सराहनीय है। उन्होंने सलाह दी कि आज सबसे बड़ी जरूरत फेक न्यूज से बचे जाने की है ।
वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह ने जुबिली पोस्ट की टीम की सराहना करते हुए कहा कि लोकतंत्र में मीडिया को जितनी स्वतंत्रता होती है, उतनी ही जवाबदारी भी होती है। स्वतंत्रता और जवाबदारी का संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जुबिली पोस्ट इसी सिद्धांत पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल के क्षेत्र में जुबिली पोस्ट ने बेहद कम समय में अपनी अलग पहचान बनायी है।
आउटलुक पत्रिका के प्रधान संपादक हरवीर सिंह ने कहा कि डिजिटल मीडिया के आने से लोगों को बेहद कम समय में तुरंत जानकारी मिल जाती है। इतना ही नहीं आधुनिक टेक्नोलॉजी से खबरों का दायरा बढ़ गया है। उन्होंने जुबिली पोस्ट के एक साल पूरे होने पर पूरी टीम को बधाई दी है।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पत्रकारिता का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है, बहुत कम लोगों को पता है कि मैं भी राजनीति में आने से पहले पत्रकार थे। उन्होंने इस बात का खुलासा संगोष्ठी में करते हुए कहा कि राजनीति में आने से पहले उन्होंने पत्रकारिता की है और इस दौरान कई खबरें भी लिखी है। हालांकि उन्होंने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता भी बदल गई है। आज के समय स्मार्टफोन के चलते हर कोई अपने आपको पत्रकार समझता है और ऐेसे में सही जानकारी देने की जवाबदारी बढ़ गई है। स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के लोगों के लिए कोई आचार संहिता नहीं है परन्तु वास्तविक मीडिया के लिए आचार संहिता लगी रहती है।
समारोह के अगले चरण में डा. ठाकुर भरत श्रीवास्तव के गजल गायन ने लोगों को न केवल रोमांचित कर दिया बल्कि लोगों को गाने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने उस्ताद नुसरत फतेह अली खां के गीत सांसों की माला पर सिमरू मैं पी का नाम… सहित कई गीतों से श्रोताओं का दिल जीत लिया और लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
गीत की महफ़िल कुछ इस तरह सजी कि कई वरिष्ठ पत्रकारों ने भी अपनी संगीतमय प्रस्तुतियाँ दी। टीवी सम्पादन के लिए जुबिली मीडिया सम्मान से नवाजे जाने वाले विजय शुक्ल ने पहले बाँसुरी पर स्वरलहरी छेड़ी और उसके बाद “पग घुंघरू मीरा नाची थी…” गा कर भी सुनाया । मीडिया विजिल के संपादक अभिषेक श्रीवास्तव ने किशोर कुमार के नगमों से शाम को और भी खूबसूरत कर दिया ।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह, आउटलुक (हिन्दी) के संपादक हरवीर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार रंजीत कुमार, भास्कर दुबे, कुमार भवेश चंद्र, सुरेन्द्र दुबे, तेज बहादुर सिंह, सिद्धार्थ कलहंस, राजीव ओझा, राजेश मिश्र, रतन मणि लाल, के.पी सिंह, संदीप पांडे, शबाहत हुसैन विजेता, टीबी सिंह, सहित उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े नेता भी मौजूद रहे।