जुबिली न्यूज डेस्क
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद से सियासी पारा बढ़ गया है। एक तरफ जहां सोशल मीडिया #DeathOfDemocracy ट्रेंड हो रहा है तो दूसरी ओर बीजेपी ने इस गिरफ्तारी की निंदा करते हुए महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है तो वहीं अब इस मामले में शिवसेना और कांग्रेस का भी बयान आ गया है।
दरअसल, बुधवार की सुबह अर्नब को उनके घर से मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि उन्हें 53 साल के एक इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ किया गया व्यवहार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने और विरोध के स्वर का दमन करने की अधिनायकवादी प्रवृत्ति का प्रतीक है।कांग्रेस को आपातकाल समेत अनेक उदाहरणों का ध्यान करना चाहिए कि प्रेस का दमन करने वाली सरकारों का हश्र बुरा हुआ है।@republic
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 4, 2020
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ किया गया व्यवहार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने और विरोध के स्वर का दमन करने की अधिनायकवादी प्रवृत्ति का प्रतीक है।कांग्रेस को आपातकाल समेत अनेक उदाहरणों का ध्यान करना चाहिए कि प्रेस का दमन करने वाली सरकारों का हश्र बुरा हुआ है।
वहीं बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार करना यह बताता है कि कांग्रेस और महाराष्ट्र सरकार की मानसिकता किस तरीके से प्रजातंत्र का गला घोटने के लिए उतारू है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं और यह पत्रकारिता प्रजातंत्र पर भारी आघात है जिसके बारे में भारत की जनता को आगे आना चाहिए।
आज जो अर्नब गोस्वामी के साथ हुआ वो कल आप के साथ भी हो सकता है ..यदि आप असत्य के ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठाते!!
“समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध
जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध”#IndiaStandaWithArnab— Sambit Patra (@sambitswaraj) November 4, 2020
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आज सच बोलने पर जो अर्णब गोस्वामी के साथ हुआ वो कल आप के साथ भी हो सकता है। बंद केस को खोल देना, कहां का लोकतंत्र है?
अर्णब गोस्वामी के घर पर इस तरह पुलिस आना और ये दृश्य ….
देश में कभी लोकतंत्र की इस प्रकार कुचला नहीं गया
इस के खिलाफ जो चुप हैं, वो हैं असली तानाशाह , असली लोकतंत्र के दुश्मन
रिपब्लिक चैनल और अर्णब के खिलाफ ये पुलिसिया अत्याचार तुरन्त रोका जाना चाहिए https://t.co/prZsPF3ZMk
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) November 4, 2020
वहीं, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने वीडियो ट्वीट कर कहा कि अर्णब गोस्वामी के घर पर इस तरह पुलिस आना और ये दृश्य …. देश में कभी लोकतंत्र की इस प्रकार कुचला नहीं गया इस के खिलाफ जो चुप हैं, वो हैं असली तानाशाह , असली लोकतंत्र के दुश्मन रिपब्लिक चैनल और अर्णब के खिलाफ ये पुलिसिया अत्याचार तुरन्त रोका जाना चाहिए।
और उसी कांग्रेस पार्टी की इशारों पर नाचने वाली कमजोर सरकार, महाराष्ट्र को आपातकाल की ओर ले जा रही है।
प्रेस की आज़ादी की बात करने वाले अब कहा छिप कर बैठे है❓
आज सारे दोगले चेहरे उजागर हो रहे है।#ArnabGoswami#EmergencyInMaharashtra— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 4, 2020
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश करनेवालों का साथ दे रही कांग्रेस पार्टी की हर साज़िश का भंडाफोड़ करने की सजा अर्नब गोस्वामी को चुकानी पड़ रही है। टुकड़े टुकड़े गैंग हो या पालघर के हत्यारे इनको शरण देने वाले कौन है। इसका जवाब सोनिया जी और राहुल गांधी से देश मांग रहा है।
और उसी कांग्रेस पार्टी की इशारों पर नाचने वाली कमजोर सरकार, महाराष्ट्र को आपातकाल की ओर ले जा रही है। प्रेस की आज़ादी की बात करने वाले अब कहा छिप कर बैठे है। आज सारे दोगले चेहरे उजागर हो रहे है।
Congress and its allies have shamed democracy once again.
Blatant misuse of state power against Republic TV & Arnab Goswami is an attack on individual freedom and the 4th pillar of democracy.
It reminds us of the Emergency. This attack on free press must be and WILL BE OPPOSED.
— Amit Shah (@AmitShah) November 4, 2020
अर्नब की गिरफ्तारी पर गृहमंत्री अमित शाह ने आलोचना की है। इस घटना को लेकर उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोला है। अमित शाह ने भी इस घटना को इंदिरा गांधी के जमाने में लगाई गई इमरजेंसी की घटना से जोड़ते हुए इसका विरोध किया।
उन्होंने इस घटना पर एक ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है। रिपब्लिक टीवी और अर्णब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की शक्तियों का प्रयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। इससे हमें इमरजेंसी के दिनों की याद आती है। आजाद प्रेस पर इस हमले का विरोध होना चाहिए और होगा।’
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत से पूछा गया कि अर्नब गोस्वामी पर पुलिस की कार्रवाई क्या बदले की भावना से हुई है? तो उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार कभी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करती, महाराष्ट्र में कानून का राज है। पुलिस को जांच में कोई सबूत हाथ लगा होगा तो पुलिस किसी पर भी कार्रवाई कर सकती है।
राउत ने आगे कहा कि उस चैनल ने हम सबके खिलाफ बदनामी का कैंपेन चलाया था, झूठे इल्जाम लगाए थे। हमने तो ये कहा कि कोई झूठे इल्जाम लगाता है तो उसकी भी जांच होनी चाहिए।
वहीं कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर कर कहा कि
अर्नब गोस्वामी पर कार्रवाई यह दिवंगत अन्वय नाईक को महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकारने दि हुई श्रध्दांजली है। न्याय है। उनके परिवार ने न्याय की अपेक्षा में दो साल से अधिक प्रतिक्षा की। फडणवीस सरकार ने मामले को रफा-दफा कर दिया था। pic.twitter.com/IejK42fJ3V
— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) November 4, 2020
सचिन सावंत ने दूसरे ट्वीट में कहा कि
This Document clearly reflects that action taken against #ArnabGoswami has been completely legal. The case has no relationship with journalism and criminal in nature. A name in the suicide note clearly warrants fair Inquiry, which Fadnavis govt did not allow#JusticeForAnvayNaik pic.twitter.com/pvLWJMofQ3
— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) November 4, 2020
इसके अलावा पत्रकार सोहित मिश्रा ने कहा कि
मामले में कुल 3 लिगों को हिरासत में लिया गया है..
सुसाइड नोट के मुताबिक नितेश सारडा के 55 लाख, फिरोज़ शेख के 4 करोड़ और अर्नब गोस्वामी के 83 लाख रुपये बकाया हैं..मई 2018 का मामला है…
— sohit mishra (@sohitmishra99) November 4, 2020
क्या है मामला?
अर्णब की गिरफ्तारी से जुड़ा मामला साल 2018 का है। पुलिस के मुताबिक, रिपब्लिक टीवी का स्टूडियो तैयार करने वाली कंपनी कॉन्कॉर्ड डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड के एमडी अन्वय नाइक और उनकी मां ने 2018 में आत्महत्या कर ली थी। अन्वय ने आत्महत्या से पहले एक पत्र लिखा। इस सुइसाइड नोट में उन्होंने कहा कि रिपब्लिक टीवी के 83 लाख रुपये समेत दो अन्य कंपनियों- आईकास्टएक्स/स्काइमीडिया और स्मार्टवर्क्स के पास कुल 5.40 लाख करोड़ रुपया बकाया होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है और अब उनके पास आत्महत्या के सिवा कोई चारा नहीं बचा है।
अन्वय और उनकी मां के शव अलीबाग के काविर गांव स्थित एक फार्महाउस में मिले थे। नाइक का शव फर्स्ट फ्लोर की छत से लटका मिला था जबकि उनकी मां की लाश ग्राउंड फ्लोर पर बेड पर पड़ी मिली थी। तब पुलिस को मिले सुइसाइड नोट में कहा गया था कि दोनों ने इसलिए आत्महत्या की क्योंकि तीनों कंपनियां उनका बकाया नहीं चुका रही थीं।
अन्वय नाइक की पत्नी अक्षत ने अपनी शिकायत में कहा कि एआरजी आउटलायर के अर्णब गोस्वामी ने बॉम्बे डाइंग स्टूडियो प्रॉजेक्ट का 83 लाख रुपये बकाया नहीं चुकाया। दो अन्य लोगों- स्काइमीडिया के फिरोज शेख ने चार करोड़ रुपये जबकि स्मार्ट वर्क के मालिक नितेश सारदा ने 55 लाख रुपये नहीं चुकाए। अक्षत नाइक ने अपनी शिकायत में अर्णब के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया।
सुइसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने गोस्वामी, शेख और सारदा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने पर पता चला कि अन्वय ने सुइसाइड की थी जबकि उनकी मां कुमुद की गला दबाकर हत्या की गई थी।
जांच के एक साल बाद अलीबाग पुलिस ने पिछले साल यह कहते हुए केस क्लोज कर दिया था कि गोस्वामी और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने लायक पर्याप्त सबूत नहीं पाए गए। इस साल अगस्त में जब अर्णब ने ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला जोर-शोर से उठाया तो अन्वय की पत्नी ने सवाल उठाया कि उनके पति की आत्महत्या से संबंधित केस क्यों बंद कर दिया गया? उन्होंने पूछा कि सुशांत केस में विभिन्न लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है जबकि अन्वय नाइक की मौत में अर्णब की भूमिका का जांच नहीं हो रही है।