जुबिली न्यूज़ डेस्क
अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति एक एक कर लोगों को अहम पदों की जिम्मेदारियां दे रहे हैं।उन्होंने कई भारतीय को भी अपने मंत्रालय के अहम पदों पर जिम्मेदारी दी है। बीते दिन एक लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है।
साल 2018 में निर्वतमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नितियों के विरोध में विदेश सेवा छोड़ने वाली भारतीय अमेरिकी राजनयिक उजरा जेया को जो बिडेन ने विदेश मंत्रालय के एक अहम पद के लिए नामित किया है। बाइडन द्वारा विदेश मंत्रालय के लिए घोषित अहम पदों के नामांकन के अनुसार, जेया को असैन्य सुरक्षा, लोकतंत्र और मानवाधिकार के लिए अवर मंत्री नामित किया गया है।
यही नहीं इसके अलावा जो बाइडन ने वेंडी आर शेरमन को उप विदेश मंत्री, ब्रायन मैकेओन को प्रबंधन एवं संसाधन के लिए उपमंत्री, बोनी जेनकिंस को हथियार नियंत्रण एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए अवर मंत्री और विक्टोरिया नुलैंड को राजनीतिक मामलों के लिए अवर मंत्री नियुक्त किया है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि नामित किए गए विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन के नेतृत्व वाली यह विविधता भरी संपूर्ण टीम मेरे विश्वास का प्रतीक है कि जब अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ मिलकर काम करता है, तो यह सबसे मजबूत होता है।
गौरतलब है कि अमेरिका में जन्मी उजरा जेया के पिता भारतीय हैं। उन्होंने अमेरिका में कई अहम पदों पर सेवाएं दी हैं। हाल ही में उन्होंने ‘अलायंस फॉर पीसबिल्डिंग’ की अध्यक्ष एवं सीईओ के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। इसेक अलावा उन्होंने 2014 से 2017 तक पेरिस स्थित अमेरिकी दूतावास में मिशन की उप प्रमुख के तौर पर भी सेवाएं दी थीं।
2018 में अमेरिका के विदेश मंत्रालय से दिया इस्तीफा
इसके बाद उन्होंने सितंबर, 2018 में अमेरिका के विदेश मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने ट्रंप प्रशासन पर नस्ली और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया था। उजरा ने कहा था कि विदेश मंत्रालय और दूतावास के उच्च अधिकारी अल्पसंख्यकों का बहिष्कार करते हैं।
ट्रंप प्रशासन के काम संभालने के पांच महीने बाद ही तीन वरिष्ठ अफ्रीकी मूल के अमेरिकी अधिकारी या तो विभाग से निकाल दिए गए या उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद उन्होंने बताया था कि उनकी रिपोर्टिंग श्वेत लोगों को सौंप दी गई। उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि पिछले एक महीने के दौरान अच्छा काम करने वाले अल्पसंख्यक राजनयिकों को सचिवालय की बैठकों में नहीं बुलाया जाता है।
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जेया ने इससे पहले 2012 से 2014 तक लोकतंत्र, मानवाधिकार एवं श्रम ब्यूरो में कार्यवाहक सहायक मंत्री और प्रधान उप सहायक मंत्री के तौर पर सेवाएं दीं। वह 1990 में विदेश सेवा में शामिल हुई थीं और उन्होंने नयी दिल्ली, मस्कट, दमिश्क, काहिरा और किंग्स्टन में सेवाएं दी हैं।