कुमार भवेश चंद्र
वाशिंगटन के कैपिटल हिल में भारतीय समय के मुताबिक कल रात साढ़े दस बजे जो हुआ, वह केवल एक सत्ता परिवर्तन नहीं था। वह एक देश के बदलने की शुरुआत थी। वह नई दुनिया की ओर एक नई खिड़की के खुलने की आहट थी। वह लोकतंत्र के ताकतवर होने का जश्न था।
सत्ता हस्तांतरण से पहले अमेरिका में जो कुछ हुआ था उसकी वजह से भी पूरी दुनिया की नज़र इस शपथ ग्रहण समारोह पर थी। डोनल्ड ट्रंप और उनकी सियासत ने उन्हें इस लायक भी नहीं रखा कि वे पूरी दुनिया के सामने सिर उठाकर निवर्तमान राष्ट्रपति के तौर पर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते। अपना आखिरी संदेश देकर उन्होंने ह्वाइट हाउस को अलविदा कह दिया।
अमेरिका के इस बदलाव पर करोड़ों भारतीयों की उत्सुक नजरें भी थीं। सत्ता के कठोर विचारों से संघर्ष के बाद अमेरिका में बदलाव की उस तस्वीर पर हर भारतीय की पैनी नज़र इसलिए भी थी, क्योंकि वहां की पिछली सरकार के साथ मौजूदा भारत की दोस्ती एक अलग स्तर पर थी। और अब हमारी चिंता में यह शामिल है कि वहां की नई सरकार से हमारा किस तरह का जुड़ाव या रिश्ता कायम होता है?
टीवी और इंटरनेट की दुनिया के विस्तार के बाद पल पल बदलते नए अमेरिका की धड़कन को सुनना हमारे लिए मुश्किल नहीं था। जोसेफ आर बाइडेन के शपथ से पहले एक भारतवंशी कमला हैरिस को अपने श्वेत पति के साथ बाइबल की शपथ के साथ अमेरिका के सबसे ऊंचे आसन के करीब अपने लिए जगह बनाते हुए देखने की खुशी केवल भारत में ही महसूस नहीं किया जा रहा था। यह उत्साह पूरी दुनिया के अश्वेत समाज में देखा जा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ आर बाइडेन के शपथ के बाद एक अश्वेत कवियित्री आमंडा गोर्मन ने अपनी बेहद भावुक कविता के जरिए अपने समाज और पूरी दुनिया की भावना को बहुत ही मोहक तरीके से पेश किया।
पिछली सरकार में अश्वेत अमेरिकियों के साथ जो कुछ हुआ उसका दर्द भी उस कविता में शामिल था। कविता की शुरुआती कुछ लाइनें बेहद मार्मिक हैं। अनंत छाया में भी रोशनी को पाने की खुशी व्यक्त करती इस कविता में अमेरिकी समाज का दर्द, उसके सपने और विश्व शांति का संदेश है।
अश्वेत कवियित्री आमंडा ने इस कविता को अमेरिका की पहली अश्वेत उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की कामयाबी को भी सुपुर्द किया है। अपनी कविताओं के जरिए पहले से ही ख्यात रही अमेरिका की इस युवा कवियित्री ने कामयाबी की सरहदें लांघ दी है।
बहरहाल नए राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुछ पुराने फैसले को पलटते हुए नया अमेरिका बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में मेहमानों के चेहरों पर मास्क ने ही बता दिया कि न केवल महामारी कोरोना के प्रति अमेरिका का नजरिया बदल गया है बल्कि वह पूरी दुनिया को नए नजर से देखने और नए नजरिए के आगे बढ़ने को तैयार है।
शांति और भाईचारा के साथ आगे बढ़ने और सभी विचारों का आदर करने का संदेश देकर बाइडेन ने अमेरिका और दुनिया से अविश्वास को समाप्त करने की ओर बढ़ने का संदेश दिया है।
भारत के लिए कुछ साफ संदेश
नए युग की ओर बढ़ रहे अमेरिकी के नए रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने चीन के प्रति अपना नजरिया साफ कर भारत के लिए उत्साहजनक संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की उग्रता अमेरिका के लिए चिंताजनक है।
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पाकिस्तान के लिए भी नए रक्षा मंत्री ने साफ संकेत दिए हैं कि वह आंतकियों के प्रति उनके सहयोगात्मक रवैये को नजरंदाज करने वाले नहीं। उन्होंने कहा है कि भारत विरोधी आंतकी संगठन लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद के खिलाफ पाकिस्तान का एक्शन अधूरा है। ऑस्टिन ने साफ किया है कि भारत के साथ अमेरिका का रक्षा सहयोग और मजबूत होगा।