जुबिली न्यूज़ डेस्क
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन ने अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को करारी शिकस्त दी है। राष्ट्रपति पद के कड़े मुकाबले में बाइडन ने ट्रंप को हरा दिया है। चुनाव में जीत के बाद बाइडन ने देशवासियों से देश को एकजुट करने का संकल्प लिया और कहा कि अब ‘अमेरिका में जख्मों को भरने का समय’ आ गया है। उन्होंने कहा कि, ‘मैं वादा करता हूं कि मैं तोड़ने वाला नहीं बल्कि जोड़ने वाला राष्ट्रपति बनूंगा।
अमेरिका चुनाव में बाइडन की जीत के बाद भारत और अमेरिका के साथ द्विपक्षीय कारोबार को लेकर उम्मीदें खासी बढ़ गई है। द्विपक्षीय कारोबार को लेकर सिर्फ सोना चांदी ही बल्कि बल्कि भारतीयों के खाने पीने पर भी असर पड़ सकता है।
इसमें सबसे महत्वपूर्ण कुकिंग आयल पर रहेगा। यहां बता दें कि अमेरिका सोयाबीन का सबसे बड़ा निर्यातक देश हैं। और भारत सोयाबीन खरीदने वाले देशों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर आता है।
वहीं अगर ख़बरों की माने तो जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे तो चीन ने सोयाबीन की खरीद के लिए अमेरिका के साथ ही दूसरे बाजारों की ओर भी रुख कर लिया था। ऐसे में ये कहना गलत होगा कि जो बाइडन के आने के बाद चीन दोबारा अमेरिका का बड़ा सोयाबीन ग्राहक बन जाएगा और चीन की मनमानी शुरू होने से इस खाद्य तेल के दाम बढ़ जाएंगे।
ये भी पढ़े : जो बाइडेन भी समझते हैं भारत के साथ मैत्री का महत्व
ये भी पढ़े : जो बाइडेन बने अमेरिका के बॉस, ट्रंप को दी मात
इसके अलावा उम्मीद है कि जो बाइडन के आने से ऑयल नेक्सस टूटेगा क्योंकि ट्रंप की खुद की कंपनियां भी कारोबार में शामिल थीं। ट्रंप के जाने के बाद ऐसी कंपनियों को पर्दे के पीछे से मिलने वाला फायदा अब बंद हो जाएगा।
अगर हम पिछले करीब 20-25 साल का बाजार देखें तो कच्चे माल की कमी होने या फसल अच्छी होने के बाद रेट में कभी ज्यादा अंतर नहीं आया है, जितना सटोरियों और नेक्सस से बाजार ऊपर-नीचे होता है। बीते कुछ साल से यही नेक्सस ज्यादा सक्रिय है।