न्यूज डेस्क
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार शाम हिंसा की घटना हुई। जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने हिंसा को अंजाम दिया है। वहीं, एबीवीपी ने लेफ्ट विंग पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। इस हिंसा में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्र घायल हैं।
जेएनयू मामले में दिल्ली पुलिस ने दंगा करने और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज कराया गया है। जेएनयू प्रशासन ने कल हुए दंगे को लेकर अभी तक पुलिस प्रशासन को कोई शिकायत मुकदमा दर्ज करने के लिए नहीं दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि अंदर कैंपस में जो लोग आए थे वह अंदर के लोग ही थे या बाहर के फिलहाल एक मुकदमा दर्ज हुआ है।
एम्स (AIIMS) ट्रॉमा सेंटर प्रमुख, डॉ राजेश मल्होत्रा ने बताया कि कल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किए गए जेएनयू के सभी 34 छात्रों को छुट्टी दे दी गई है।
जेएनयू प्रशासन का कहना है कि हॉस्टल-सेमेस्टर फीस का विरोध और समर्थन कर रहे छात्रों के बीच संघर्ष हुआ, जो बाद में हिंसा में बदल गया। पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 4 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। बता दें कि जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर लंबे समय से प्रोटेस्ट चल रहा है।
जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के अंदर छात्रों पर जो हमला हुआ, उसको लेकर अब देश की अन्य यूनिवर्सिटी भी साथ आ गई हैं। मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के बाहर देर रात से ही सैकड़ों छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
जेएनयू हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। एएमयू के बाहर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। वहीं खबर है कि लखनऊ में समाजवादी पार्टी की छात्र ईकाई आज प्रदर्शन करेगी।
दिल्ली पुलिस की तरफ से ज्वाइंट सीपी शालिनी सिंह इस मामले की जांच करेंगी। दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो जो हमला हुआ है वो कुछ बाहरी लोगों के आ जाने से हुआ था, जिन्होंने अपने चेहरे को ढका हुआ था। सामने आए कुछ वीडियो में महिलाएं भी हाथों में डंडा-लाठी लेकर खड़ी दिख रही हैं।
हमलावरों ने हॉस्टल, स्टूडेंट के साथ-साथ फैकल्टी पर भी हमला किया, साथ ही काफी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया। हिंसा को काबू करने के लिए पुलिस कैंपस में घुसी और फ्लैग मार्च किया। जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर पुलिस के पास तीन शिकायतें आई हैं।
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हालांकि, अभी तक कोई केस दर्ज किया गया है या नहीं, इसपर अपडेट आना बाकी है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें JNU की हिंसा पर कई शिकायतें मिली हैं जिनपर हम जांच शुरू करेंगे। जल्द ही इस मामले में FIR दर्ज की जाएगी। दिल्ली पुलिस की सीपी शालिनी सिंह की अगुवाई में जो जांच होगी, उसमें 4 इंस्पेक्टर और दो एसीपी शामिल रहेंगे।
बताया जा रहा है कि शनिवार को जेएनयू छात्र संघ ने सर्वर रूम को लॉक कर दिया था। इसे लेकर एबीवीपी और लेफ्ट विंग के स्टूडेंट्स में हल्की झड़प हुई थी। रविवार को जेएनयू छात्र संघ की ओर से साबरमती हॉस्टल से मार्च निकाला जाना था। इस दौरान यहां हिंसा हुई।
इस घटना को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी घायलों से मिलने एम्स अस्पताल पहुंचीं, वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत कई विश्वविद्यालयों के छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे। कई विश्वविद्यालयों के छात्र और अध्यापक भी अब जेएनयू छात्र संघ के समर्थन में आ गए हैं।
जेएनयू के मुद्दे पर विपक्ष एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है। बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार सुबह ट्वीट कर इस घटना की निंदा की, साथ ही लिखा कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। मायावती के अलावा कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने भी इस घटना का आरोप ABVP पर लगाया।
इस मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी और मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि क्या यह गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है? सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ”जेएनयू हमले से साबित होता है, जेएनयू कैंपस पर हमला पूर्व नियोजित था। हमले में जेएनयू प्रशासन का समर्थन था। गुंडे भाजपा के थे। छात्रों / शिक्षकों को पीटा गया था और दिल्ली पुलिस मूक दर्शक बनी रही। क्या यह गृह मंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है?”