न्यूज डेस्क
जेएनयू मतलब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय। जेएनयू की गिनती भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में होती, जहां छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ विचार भी मिलता है। अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध जेएनयू में दूसरे देशों के छात्र भी शिक्षा लेने आते हैं। फिलहाल एक बार फिर जेएनयू चर्चा में है। इस बार चर्चा की वजह छात्रों का कोई आंदोलन नहीं बल्कि जेएनयू का नाम पीएम मोदी के नाम पर रखने के सुझाव को लेकर है।
दिल्ली से भाजपा सांसद हंसराज हंस ने सुझाव दिया तो सासंद मनोज तिवारी ने भी ऐसी इच्छा जतायी। इन दोनों नेताओं ने इसके लिए कई तर्क भी दिए।
दिल्ली से भाजपा के सांसद हंसराज हंस ने यह बातें 17 अगस्त को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में कहा। सांसद जेएनयू परिसर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम में पहुंचे थे।
इस कार्यक्रम में हंसराज ने अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म किए जाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के फैसले पर भी बोला। इसी मौके पर उन्होंने कहा कि, ‘जेएनयू का नाम बदलकर एमएनयू रखा जाना चाहिए।’
हंसराज ने कहा, ‘दुआ करो सब अमन से रहें, बम न चले। हमारे बुजुर्गों ने गलतियां की हैं हम भुगत रहे हैं। मैं कहता हूं इसका नाम एमएनयू कर दो, मोदीजी के नाम पर भी कुछ होना चाहिए।’
गौरतलब है कि 1969 में स्थापित जवाहर लाल नेहरू का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम पर रखा गया है।
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए हंसराज ने जम्मू कश्मीर के संबंध में कहा कि वह जवाहर लाल नेहरू थे, जिन्होंने पूर्व में गलतियां की।
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जेएनयू का नाम बदले जाने के उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं जेएनयू पहली बार आया हूं। जेएनयू के बारे में काफी कुछ सुना था लेकिन अब मोदी के प्रयासों के कारण काफी बदलाव आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लिए काफी कुछ किया है और उनके काम के कारण ही मैंने कहा कि जेएनयू का नाम बदलकर ‘मोदी नरेंद्र यूनिवर्सिटी’ रखा जाना चाहिए। ‘
हंसराज के साथ ही कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी ऐसी ही इच्छा जताई। तिवारी ने कहा, ‘हम यहां पर एक सकारात्मक जेएनयू देख रहे हैं। पहले कुछ लोग यूनिवर्सिटी में भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा देते थे लेकिन समय के साथ इस यूनिवर्सिटी ने विकास किया है और बदला है।’
जेएनयू का नाम बदलने के हंसराज के बयान पर तिवारी ने कहा, ‘कई बार उत्साह में हम कई चीजें कह जाते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम वह करने जा रहे हैं। हंसराज जी ने वह कहा, जो वह महसूस करते हैं। उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि वह मोदीजी के प्रशंसक हैं।’
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