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जिग्नेश मेवानी व रेशमा पटेल को इस मामले में तीन महीने की जेल

जुबिली न्यूज डेस्क

कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी को महेसाणा कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मेवानी को तीन महीने की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उन पर एक हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।

जिग्नेश के साथ-साथ एनसीपी नेता रेशमा पटेल और सुबोध परमार को भी 3 महीने की सजा सुनाई गई है। कुल 12 लोगों को सजा हुई है। जिस मामले में इन लोगों को सजा मिली है वह बिना इजाजत रैली करने का है।

यह मामला करीब पांच साल पुराना है। इन लोगों ने साल 2017 में आजादी कूच रैली की थी। आरोप लगा कि ये रैली बिना इजाजत की गई थी। अब महेसाणा कोर्ट ने इसी मामले में इनको दोषी पाया है।

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कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी, NCP नेता रेशमा पटेल, सुबोध परमार पर रैली करके सरकारी नोटिफिकेशन का उल्लंघन करने का आरोप लगा था। ,

बताते चलें कि रेशमा पटेल राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हैं।

ऊना में दलितों की पिटाई का मामला सामने आने के बाद 12 जुलाई 2017 को ‘आजादू कूच’ नाम से मेहसाणा के पास बनासकांठा में आंदोलन किया गया था।

जिग्नेश जमानत पर हैं बाहर

फिलहाल कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवानी जमानत पर बाहर हैं। पीएम मोदी के खिलाफ विवादित ट्वीट को लेकर मेवानी को गुजरात से असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके बाद कोकराझार कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी। लेकिन इसके तुरंत बाद ही पुलिस ने जिग्नेश को दूसरे थाने में महिला पुलिसकर्मी के साथ बदतमीजी करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया था।

इसके बाद में जिग्नेश मेवानी को इस मामले में भी जमानत मिल गई थी, लेकिन असम सरकार ने इस जमानत के खिलाफ गुवाहाटी हाईकोर्ट में अपील दायर की है। इस पर 27 मई को सुनवाई होनी है।

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अब रेशमा पटेल की बात करते हैं। वह एनसीपी से पहले बीजेपी में भी रही हैं। दिसंबर 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा ज्वाइन किया था लेकिन 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन छोड़ दिया था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि बीजेपी अब सिर्फ एक मार्केटिंग कंपनी बन कर रह गई है। रेशमा, हार्दिक पटेल के साथ पाटीदार आंदोलन का हिस्सा रही थीं।
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