जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल फोन खरीदने के लिए झारखंड के जमशेदपुर जिले की 11 साल की बच्ची तुलसी ने सड़क पर आम बेचना शुरू किया और मुम्बई के व्यवसाई नरेन्द्र हेते द्वारा की गई सवा लाख रुपये की मदद का मामला चर्चा में आया तो झारखंड पुलिस ने भी बच्चो की बेहतरी के लिए शानदार कदम उठा लिया.
झारखंड के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा ने गैजेट्स बैंक बनाने की पहल की है. उन्होंने राज्य के सभी थानों से कहा है कि वह थानों में गैजेट्स बैंक शुरू करें और लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि जिन लोगों के घरों पर लैपटॉप, स्मार्ट फोन या डेस्कटॉप बेकार पड़े हों वह उन्हें थानों में मदद के तौर पर जमा करा दें. पुलिस ज़रूरतमंद बच्चो तक यह गैजेट्स पहुंचाएगी ताकि किसी बच्चे को पढ़ाई के लिए सड़क पर न बैठना पड़े.
डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा है कि निर्धन परिवारों के बच्चो की कोरोना काल में यूं भी पढ़ाई प्रभावित हो गई है. ऐसे में अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए वह घरों से निकलेंगे तो अपराधी और उग्रवादी उनका लाभ उठा सकते हैं. इसलिए यह ज़रूरी है कि समाज में सम्पन्न लोगों के पास अगर इस तरह की चीज़ें बेकार पड़ी हैं जो किसी गरीब बच्चे के काम आ सकती हैं तो वह पुलिस की मदद से बच्चो तक पहुंचाने का काम करें.
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डीजीपी ने बताया कि जो व्यक्ति कोई उपकरण पुलिस के पास जमा करवाएगा उसे पुलिस रसीद देगी और जिस बच्चे को इसे दिया जायेगा उससे हलफनामा लिया जायेगा. इस हलफनामे में बच्चे के परिवार की आय भी दर्ज की जायेगी.