न्यूज़ डेस्क
कर्नाटक और झारखंड में शुक्रवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। कर्नाटक के हम्पी में आज सुबह 06:55 बजे रिक्टर स्केल पर 4.0 की तीव्रता के साथ भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके अलावा झारखंड के जमशेदपुर में इसी समय रिक्टर स्केल पर 4.7 की तीव्रता वाला भूकंप आया। फिलहाल, दोनों जगहों पर जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने ये जानकारी दी है। इससे पहले दिल्ली से सटे नोएडा में बीते बुधवार की रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई। वहीं दिल्ली-एनसीआर में भी 29 मई को भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए।
ये भी पढ़े : लॉकडाउन में उजड़ गई ‘पनवाड़ी’
An earthquake with a magnitude of 4.0 on the Richter Scale hit Hampi in Karnataka today at 06:55 am: National Center for Seismology
— ANI (@ANI) June 5, 2020
दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में बीते एक-डेढ़ महीनों के दौरान एक दर्जन से अधिक छोटे भूकंप आए हैं। कोरोना संकट के बीच जब अधिकतर लोग घरों में थे तो बार-बार भूकंप के झटकों ने चिताएं बढ़ाईं लेकिन भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे भूकंप से ज्यादा खतरा नहीं है बल्कि ये बड़े भूकंप के खतरे को कम कर सकते हैं।
ये भी पढ़े : साहूकारों की भाषा में बात करती सरकार
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के निदेशक बीके बंसल ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत में कई फाल्ट लाइनें गुजरती हैं। इनमें हलचलों से जब ऊर्जा निकलती है तो भूकंप आते हैं।
An earthquake with a magnitude of 4.7 on the Richter Scale hit Jamshedpur in Jharkhand today at 06:55 am: National Center for Seismology
— ANI (@ANI) June 5, 2020
ऐसा नहीं है कि हलचलें अभी हो रही हैं, पहले नहीं थीं। पहले भी थीं लेकिन यह देखा गया है कि इनमें तब भी छोटे भूकंप ही ज्यादा थे। पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र में 280 भूकंप ऐसे आए जिनकी तीव्रता दो से नीचे थी जबकि 70-80 भूकंप तीन-चार के बीच के थे। बहुत कम भूकंप ही चार या इससे ज्यादा तीव्रता के थे।
ये भी पढ़े : टिड्डी दल को भगाने के लिए हो रहा है अजब-गजब प्रयोग
इससे पहले के आंकड़े भी इसी प्रकार के हैं। यह पैटर्न और कई अध्ययन यह संकेत करते हैं कि छोटे भूकंप बड़े भूकंप के खतरे को कम करते हैं क्योंकि इनके जरिये ऊर्जा निकलती रहती है। यदि किसी क्षेत्र में 100 साल तक कोई भूकंप नहीं आता है तो वहां बड़े भूकंप की आशंका ज्यादा हो सकती है।