न्यूज डेस्क
झारखंड में शाम होते-होते तस्वीर साफ हो जायेगी कि किसकी सरकार बनने जा रही है। फिलहाल अभी ताजा रुझान में जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन को बहुमत मिलता दिख रहा है। उसका आंकड़ा 41 पार कर गया है। ऐसे में वहां जोड़तोड़ की राजनीति शुरु हो गई है।
बीजेपी बहुमत से दूर है लेकिन चर्चा है कि वह अपनी पूर्व सहयोगी आजसू के अध्यक्ष सुरेश महतो से सम्पर्क करने की कोशिश में लगी हुई है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से भी सम्पर्क करने की कोशिश हो रही है। वहीं पत्रकारों ने मरांडी से पूछा कि वह किस पार्टी या गठबंधन को सहयोग करेंगे तो वह झल्ला उठे। उन्होंने झल्लाते हुए कहा कि ‘अभी क्यों किसी की सरकार बना दें?
मालूम हो कि झारखंड राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी थे। उस वक्त वह भाजपा में थे लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा से अलग अपना पार्टी जेवीएम बना ली। पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी ने जोर देकर कहा कि जो भी जनादेश आएगा, उसे हम स्वीकार करेंगे।
जेवीएम बीजेपी के साथ जाएगी, ऐसा मुश्किल प्रतीत होता है। लोकसभा चुनाव में भी जेवीएम ने कांग्रेस, जेएमएम गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
जेवीएम ने पिछले विधानसभा चुनाव में कुल आठ सीटें जीती थीं लेकिन भाजपा ने उसके छह विधायकों को तोड़कर सरकार बनाया था। बीजेपी को 37 सीटें मिली थी। अब ऐसा हो सकता है कि बाबूलाल उस भितरघात को न भूलें और बीजेपी से दूर ही रहें।
आज मरांडी ने साफ तौर पर कहा, “अभी हम भाजपाई नहीं है, जब थे, तब थे। किस दल के साथ जाएंगे, कह नहीं सकते हैं। चुनाव नतीजे आने के बाद तय करेंगे कि कहां जाना है।”
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