Wednesday - 30 October 2024 - 12:06 PM

कोरोना के नाम पर अंधविश्‍वास का बाजार भी गर्म

जुबिली न्यूज़ डेस्क 

कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी दुनिया में कई हजार लोग मर चुके हैं। जहां एक तरफ कोरोना के संक्रमण को समाप्त करने के लिए दुनियाभर में वैक्सीन की खोज चल रही है। वहीं, भारत में कोरोना के खात्मे को लेकर अंधविश्वास का खेल शुरू होने लगा है। इसका ताजा उदाहरण उत्‍तर प्रदेश, झारखंड और बिहार में देखा जा रहा है। इन राज्यों में  कोरोना देवी और कोरोना माई की पूजा की जा रही है तो झारखंड के कोडरमा जिले में 400 बकरों की बलि दी गई।

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जानकारी के अनुसार, चंदवारा प्रखंड अंतर्गत ग्राम उरवां में स्थित देवी मंदिर में बुधवार सुबह से आस्था के नाम पर अंधविश्वास का खेल चलता रहा। देवी माता के मंदिर में कोरोना को शांत करने के लिए हवन, पूजन, आरती की जा रही है। देवी मां को खुश करने के लिए बकरों और मुर्गों की बलि दी जा रही है। बुधवार को एक साथ 400 बकरों की बलि दी गई है। जिसके बाद से इलाका चर्चा में आ गया है।

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गांव के लोगों का मानना है कि बलि देने से कोरोना भाग जाएगा और उनका गांव कोरोना से मुक्त हो जाएगा। हालांकि, किसके कहने पर यह आयोजन किया जा रहा है। इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। मंदिरों में बकरों और मुर्गों की बलि देने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। उधर, जब मामला प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंचा तो अधिकारियों ने मामले में तत्काल कार्रवाई करने की बात कही है।

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दूसरी ओर झारखंड के पलामू से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। पांडु के सिलदिली के टोला सिकनी में 20 से 25 महिलाओं ने कोरोना माई का उपवास रखा था, जिसमें 40 साल की बैजंती देवी भी इसमें शामिल थीं। शाम को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। ब्लड प्रेशर लो होने के साथ उनमें लकवा के भी लक्षण दिखने लगे। जिसके बाद उनकी मौत हो गई।

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लोगों ने बताया कि इस गांव में महिलाओं के बीच अफवाह फैली थी कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कोरोना माई का उपवास करना जरूरी है जो महिलाएं व्रत करेंगी उनके खाते में पैसे भी दिए जाएंगे।

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बिहार और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के सीमावर्ती जिलों में अंध-विश्वास या शिक्षा की कमी के वजह से कोरोना कर डर यहां के लोगों पर हावी हो गया है। यहां की महिलाएं अब कोरोना वायरस से निजात के लिए ‘कोरोना मईया’ की पूजा करने लगीं हैं।

बिहार के नालंदा, गोपालगंज, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में कोरोना को दूर करने के लिए कोरोना देवी की पूजा की जा रही है। 10-10 लौंग-लड्डू को रख गड्ढे में पानी भरकर कोरोना वायरस से निजात की कामना कर रही हैं। उनकी यह पूजा सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रही है।

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गोपालंगज में फुलवरिया घाट पर पूजा करने पहुंची महिलाए सात गड्ढे खोद कर उसमें गुड़ का शर्बत डालकर के साथ लौंग, इलायची, फूल व सात लड्डू रखकर पूजा करने जुटी, जिससे महामारी से छुटकारा मिल जाए।

ऐसा ही कुछ नजारा यूपी के कुशीनगर, देवरिया, महाराजगंज में देखा जा रहा है। कुछ दिन पहले महराजगंज के एक गांव में कोरोना से गांव की रक्षा के लिए महिलाएं विशेष पूजा कर रही थीं, लेकिन अब यह अंध-विश्वास रूपी वायरस कुशीनगर के ग्रामीण इलाकों में पहुंच चुका है। यहां के कुछ गांवों की महिलाएं ‘कोरोना माई’ की पूजा कर रही हैं। बाकायदा इसके लिए चढ़ावा भी तय कर लिया गया है।

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