Monday - 28 October 2024 - 7:49 PM

नीतीश के बिहार में बुर्का पर बैन क्यों

न्‍यूज डेस्‍क

बिहार की राजधानी पटना में स्थित जेडी विमिंस कॉलेज ने छात्राओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा कर नया विवाद खड़ा कर दिया है। कॉलेज प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि अगर इन नियमों का छात्राएं पालन नहीं करेंगी तो उन्हें 250 रुपए फाइन देना होगा।

इसके बाद नाराज छात्राओं ने कहा है कि शायद ये पहला महिला कॉलेज है, जहां बुर्का को बैन किया गया है। छात्राओं ने कहा है कि इसका हम विरोध करेंगे। कॉलेज के इस नियमपर बहुत सारी छात्राओं को आपत्ति है। उनका कहना है कि बुर्के से कॉलेज को क्या दिक्कत है? ये नियम तो बस थोपने वाली बात है।

इस मामले में कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर श्यामा राय ने कहा कि ये घोषणा हमने पहले ही की थी। नए सेशन के ओरिएंटेशन के समय में छात्राओं को बताया गया था। हमने ये नियम छात्राओं में एकरूपता लाने के लिए किया है। शनिवार के दिन वो अन्य ड्रेस पहन सकती हैं, शुक्रवार तक उन्हें ड्रेस कोड में आना है।

उन्होंने कहा कि कॉलेज में पिछले दो दिनों से एक नोटिस सर्कुलेट हो रहा है। इसमें ये साफ लिखा गया है कि शनिवार को छोड़कर सभी छात्राओं को निर्धारित ड्रेस कोड में ही कॉलेज आना है। इतना ही नहीं कॉलेज परिसर और क्लास रूम में बुर्का वर्जित है।

कॉलेज का यह नोटिस अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस बीच कॉलेज के इस निर्देश का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी विरोध किया है।

वहीं, वर्ल्ड इंस्टीट्यूट ऑफ इस्लामिक स्टडीज़ फॉर डायलॉग की डीजी डॉक्टर जीनत शौकत अली कहती हैं कि बुर्का शब्द कहीं पर भी कुरान में नहीं आया है। कॉलेज अगर किसी के विशेष पहनावे पर रोक लगाता है तो यह व्यक्ति के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो सकता है।

उन्होंन कहा कि इस्लाम में कहीं नहीं कहा गया है कि बच्चियां बुर्का पहनकर पढ़ने जाएं। बस महिलाओं को सम्मानजनक तरीके से कपड़े पहनने को कहा गया है। छोटी-छोटी बातों को तूल देने की बजाय बच्चियों को पढ़ाने पर जोर देना चाहिए।

इस मामले में पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभाकर टेकरीवाल का कहना है कि कॉलेज में ड्रेस कोड तय है, तो पालन करना चाहिए। कोर्ट के लिए तय ड्रेस कोड का पालन वकील करते हैं। कोर्ट में कोई बुर्का पहन कर नहीं आता। लिहाजा, कॉलेज के मामले में भी आपत्ति का औचित्य नहीं है। कानूनन भी इसे अवैध नहीं ठहराया जा सकता।

इस मामले पर कार्यवाहक नाजिम, इमारत-ए-शरिया, मौलाना शिबली अलकासमी ने कहा है कि इसकी तहकीक जाएगी। अगर पाबंदी लगी है तो फिर इसका विरोध किया जाएगा। जेडी वीमेंस कॉलेज का यह कदम गलत है। यह प्राचार्या की मानसिकता को दर्शाता है। एक खास तबके को निशाना बनाया जा रहा है। यह समाज को तोड़ने वाला कदम है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com