Wednesday - 30 October 2024 - 8:28 AM

RLD के अध्यक्ष चुने गए जयंत चौधरी, 2022 में होगी बड़ी सियासी परीक्षा

जुबिली न्यूज डेस्क

चौधरी अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी अब राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष होंगे। उनके पिता के निधन के बाद उन्हें कमान देने का फैसला लिया गया है।

मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग के दौरान जयंत चौधरी को अध्यक्ष चुने जाने का फैसला हुआ।

पश्चिम उत्तर प्रदेश में खासा प्रभाव रखने वाली आरएलडी के मुखिया रहे चौधरी अजित सिंह का 6 मई कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था।

उनके निधन के बाद से यह पद खाली था। फिलहाल इसे अब उनके बेटे ने ही संभाला है। इससे पहले जयंत चौधरी उपाध्यक्ष के तौर पर पार्टी का कामकाज देख रहे थे।

जयंत चौधरी चरण सिंह की विरासत को बढ़ाएंगे आगे

साल 2014 में चौधरी अजित सिंह ने बागपत सीट से चुनाव हारने के बाद जयंत चौधरी को आगे बढ़ाने का फैसला लिया था और उन्हें उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी। तब से ही जयंत पार्टी से जुड़े अहम फैसले ले रहे थे।

लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पोस्ट ग्रैजुएट की डिग्री हासिल करने वाले जयंत चौधरी अपने पिता अजित सिंह के अलावा दादा चौधरी चरण सिंह की विरासत को भी आगे बढ़ाएंगे।

ये भी पढ़े: कोरोना मरीजों में एक लाख कोरोनिल किट बांटेगी हरियाणा सरकार

ये भी पढ़े:अखिलेश के संसदीय क्षेत्र में सीएम योगी ने लोगों से किया संवाद

ये भी पढ़े:कोरोना : DM के इस फरमान से क्यों मुश्किल में सरकारी कर्मचारी 

हालांकि आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को दोबारा मजबूत स्थिति में ला पाना उनके लिए एक चुनौती होगा।

आरएलडी का परंपरागत वोट बैंक कहे जाने वाले जाट समुदाय का झुकाव साल 2014 के बाद से भाजपा की ओर बढ़ा है। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद से आरएलडी के सियासी समीकरण बिगड़ते दिखे थे।


हालांकि बीते साल से जारी किसान आंदोलन के चलते आरएलडी के पक्ष में एक बार फिर से समर्थन जुटने की उम्मीद की जा रही है।

ये भी पढ़े:कोरोना कमजोर लेकिन मौतों की रफ्तार पर ब्रेक नहीं

ये भी पढ़े: टूलकिट मामले में राहुल गांधी ने क्या कहा?

मालूम हो कि 2014 में खुद जयंत चौधरी को भी मथुरा सीट से हार का सामना करना पड़ा था। यही नहीं 2019 में भी वह बागपत लोकसभा सीट से पराजित हो गए थे। हालांकि किसान आंदोलन में वह लगातार एक्टिव नजर आए हैं। आरएलडी की ओर से लगातार किसान पंचायतें की गई हैं।

पिता के बगैर 2022 में होगी बड़ी सियासी परीक्षा

फिलहाल आरएलडी ने यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। पिता के बगैर जयंत चौधरी की 2022 में सबसे बड़ी और पहली सियासी परीक्षा होगी।

2017 के विधानसभा चुनाव में भी आरएलडी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में जयंत चौधरी की लीडरशिप में आरएलडी का प्रदर्शन कैसा रहता है।

ये भी पढ़े:सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल के साथ नमाज़ की तैयारी करेगी यह मस्जिद

ये भी पढ़े:26 मई को किसानों का विरोध दिवस! 12 विपक्षी दलों का भी समर्थन लेकिन मायावती…

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com