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जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद से नजर बंद किये गये पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को आज रिहा कर दिया गया। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी। अधिकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री पर से जनसुरक्षा कानून (पीएसए) हटा लिया गया है। गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को राज्य से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के अधिकतर प्रावधान रद्द करने संबंधी विधेयक राज्यसभा में पेश किये गए थे।
उमर अब्दुल्ला पर यह आरोप था कि उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों को भड़काने का काम किया था। इस मामले में उमर की बहन सारा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इससे पहले उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को रिहा किया गया था।
बहन ने दायर की थी याचिका
उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी रिहाई के लिए याचिका दायर की थी। इस याचिका पर 18 मार्च को सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था- ‘यदि आप उन्हें रिहा कर रहे हैं तो जल्द कीजिए अन्यथा हम इस मामले की गुणदोष के आधार पर सुनवाई की जाएगी।’
पीडीपी ने महबूबा को रिहा करने की उठाई मांग
सरकार के आदेश पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कहा कि हम उमर अब्दुल्ला को नजरबंदी से रिहा करने का स्वागत करते हैं।साथ ही सरकार से ये अपील करते है कि महबूबा मुफ्ती सहित उनके अन्य सभी राजनीतिक कैदियों को भी रिहा करें। बेकार के आरोपों के साथ पीएसए के तहत की गई कार्रवाई दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की बुनियादी समझ पर सवाल उठाता है।