जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले साल पांच अगस्त को जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाया गया था तो उम्मीद जगी थी कि आने वाले यहां सब ठीक हो जायेगा। यहां के लोग भी वैसी ही जिंदगी गुजारेंगे जैसे दूसरों राज्यों में लोग गुजराते हैं। पर इस बदलाव के एक साल बाद वहां के हालात में कोई फर्क नहीं आया है। अलबत्ता ये जरूर देखने को मिल रहा है कि यहां बीजेपी नेता आतंकवादियों के निशाने पर आ गए हैं।
जम्मू कश्मीर में बीजेपी नेताओं पर एक के बाद एक हमले हो रहे हैं। बीते रविवार को भी आतंकवादियों ने कश्मीर के बडगाम में पार्टी के एक नेता को गोली मार दी। वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद से भाजपा के कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
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बीजेपी नेताओं पर लगातार हो रहे हमले के बाद से सवाल उठ रहा है कि आखिर आतंकवादी ऐसा क्यों कर रहे हैं। हाल के दिनों में चार ऐसे हमले हुए हैं जिनमें बीजेपी नेताओं को निशाना बनाया गया है। पिछले एक हफ्ते में यह तीसरा ऐसा हमला है। जबकि कश्मीर की राजनीति में भाजपा कभी भी महत्वपूर्ण पार्टी नहीं रही है। जम्मू के बाहर इसका कोई प्रभाव नहीं रहा है। बावजूद इसके अब ऐसा क्या हो गया कि वे अलगाववादियों के निशाने पर हैं? क्या यह इसलिए है कि बीजेपी ही मुख्यधारा की पार्टी है जो वहांं फिलहाल जमीनी स्तर पर मौजूद है।
वहीं जानकारों का कहना है कि आतंकवादी खौफ का माहौल बनाना चाहते हैं और इसीलिए वे बीजेपी नेताओं को ज़्यादा निशाना बना रहे हैं।
रविवार को बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के बडगाम जिला अध्यक्ष अब्दुल हमीद नजार पर तब हमला हुआ जब वह मॉर्निंग वाक पर निकले थे। वहीं छह अगस्त को कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने बीजेपी सरपंच सज्जाद अहमद खांडे की काजीगुंड में गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह बीजेपी के कुलगाम जिले के उपाध्यक्ष थे।
पुलिस के मुताबिक आतंकवादियों ने सज्जाद पर तब तोबड़तोड़ फायरिंग की थी जब वह अपने घर के बाहर थे। इससे एक दिन पहले ही आतंकवादियों ने कुलगाम जिले के ही अखरान के बीजेपी सरपंच आरिफ अहमद पर हमला कर दिया था। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
पिछले महीने ही बांदीपोरा जिला में पूर्व बीजेपी जिला अध्यक्ष वसीम बारी, उनके पिता और भाई की हत्या कर दी गई थी। जब वे अपनी दुकान के बाहर थे तभी आतंकवादियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। बारी को 10 पुलिसकर्मियों की सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन हमले के दौरान सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे। उन्हें बाद में निलंबित कर दिया गया था। इस हमले में एक नए आतंकवादी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। पुलिस ने कहा कि यह समूह जैश, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन का मोर्चा है।
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जून महीने में अनंतनाग जिले में लरकीपुरा क्षेत्र में कांग्रेस सरपंच अजय कुमार पंडिता की हत्या कर दी गई थी। पंडिता की हत्या के मामले ने तूल पकड़ा था। इस घटना के बाद ऐसी रिपोर्टें आई थीं कि सुरक्षाबलों ने अभियान चलाया था और आतंकवादियों को मार गिराया गया था। तब कहा गया था कि मारे गए लोगों में अजय पंडिता के हत्यारे शामिल थे।
किन नेताओं ने दिया इस्तीफा?
बीजेपी नेता अब्दुल हमीद नजार पर हमले के बाद बीजेपी के कम से कम 4 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, बांदीपोरा यूनिट के महासचिव अवतार कृष्ण, बडगाम के ज़िला अध्यक्ष इमरान अहमद पार्रे, निर्वाचन क्षेत्र के अध्यक्ष वली मोहम्मद भट, और बडगाम ज़िला कार्यालय सचिव समीर अहमद शाह ने बीजेपी से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए बयान जारी किए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले के हमले के बाद भी नेताओं ने ऐसे ही इस्तीफे दिए थे।
वहीं रविवार को ही एक ऑडियो क्लिप में एक आतंकवादी ने दावा किया कि उन्होंने शोपियां में एक टेरिटोरियल आर्मी सैनिक की हत्या कर दी है जो सात दिन पहले अपने घर से लापता हुए हैं। इसमें यह भी दावा किया गया है कि उन्होंने शव को दफना दिया है।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार शोपियां के पुलिस अधीक्षक अमृत पाल सिंह ने कहा, ‘हम अभी भी (ऑडियो संदेश) का सत्यापन कर रहे हैं।’ पुलिस और सेना लापता सैनिक शाकिर मंजूर वागे की तलाश कर रही है।