जुबिली न्यूज़ डेस्क
जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। बीजेपी नेताओं ने दो दिन बाद यानि की 26 अक्टूबर को ‘विलय दिवस’ के रूप में मनाने का ऐलान किया है। जबकि अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने का विरोध करने वाले कई नेता करीब 14 महीने बाद रिहा होने के बाद एकबार फिर से सक्रिय हैं।
यहां तक की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ये तक कहा है कि, जब तक संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
अब ऐसे में 26 अक्टूबर को लेकर लोगों के मन में सवाल हैं कि, राज्य में आखिर क्या होने वाला है ? बता दें कि, जम्मू-कश्मीर को भारत में विलय करने पर राजा हरि सिंह 26 अक्टूबर 1947 को सहमत हुए थे। तब से इस दिन को ‘विलय दिवस’ के रूप में जाना जाता है लेकिन धारा 370 के ख़त्म किए जाने के बाद यह पहला अवसर है जब एक ओर गुपकार समूह सक्रिय है तो दूसरी ओर बीजेपी नेता ‘विलय दिवस’ मानाने को लेकर उत्साहित हैं।
गौरतलब है कि, गुपकार घोषणा (पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन) जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए लड़ाई लड़ रहा है। गुपकार समूह के गठन की नींव जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के एक दिन पहले ही पड़ गई थी, इस समूह का गठन 22 अगस्त 2019 को फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर हुई बैठक में किया गया था। इस बैठक में छह दल शामिल हुए थे जो समूह के सदस्य हैं।
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शनिवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आवास पर गुपकार घोषणा (पीपुल्स अलायंस फॉर डिक्लेरेशन) की बैठक भी हुई है। इस बैठक में तय हुआ है कि, फारूक अब्दुल्ला समूह के अध्यक्ष होंगे, जबकि महबूबा मुफ्ती वाइस प्रेसिडेंट होंगी।
सज्जाद लोन ने कहा कि हम जल्द ही वास्तविकता पर एक श्वेत पत्र के साथ आएंगे। हम एक शोध दस्तावेज देंगे कि हमारे पास क्या था और वे क्या ले गए हैं। दो हफ्ते में हम अपनी अगली बैठक जम्मू में करेंगे और उसके बाद हमारा सम्मेलन होगा। राज्य का हमारा सबसे पहला झंडा हमारे गठबंधन का प्रतीक होगा।
वहीं जम्मू कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना ने घोषणा की है कि, दिवाली और स्वतंत्रता दिवस समारोह की तरह ही 26 अक्टूबर को ‘विलय दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा, ‘गुपकर गैंग’ की साजिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और देश की एकता एवं अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति के लिये जेल में जगह होगी।
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