जुबिली डेस्क
जम्मू-कश्मीर में चुनाव की ड्यूटी पर लगे एक सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को सेना के जवानों द्वारा पीटे जाने का मामला सामने आया है। यह घटना अनंतनाग जिले में नेशनल हाइवे वाले श्रीनगर-काजीकुंड मार्ग पर मंगलवार को हुई।
इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक जिले के दोरू इलाके के एसडीएम गुलाम रसूल वानी को जवानों ने पहले सड़क पर घसीटा और फिर पिटाई की।
वानी लोकसभा चुनाव में दक्षिण कश्मीर में सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) के रूप में भी काम कर रहे हैं।
खबर के मुताबिक काजीकुंड के स्टेशन हाउस अधिकारी के यहां दर्ज कराई अपनी शिकायत में एसडीएम गुलाम रसूल वानी ने कहा है कि घटना वाले दिन नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया गया, जबकि उस दिन सेना के काफिलों के लिए उस रास्ते को (आम लोगों के लिए) बंद नहीं किया गया था।
शिकायत में वानी ने कहा, ‘हमें बंदूक दिखा कर आधे घंटे तक बंदी बना कर रखा गया। हमारी गाड़ी व अन्य चीजों की तलाशी ली गई गई, उन्हें छीना गया और नुकसान पहुंचाया गया। चुनाव से जुड़ा सारा डेटा भी हटा दिया गया या उसे नुकसान पहुंचाया गया। अनंतनाग के उपायुक्त के हस्तक्षेप के बाद ही हम सबको छोड़ा गया।’
पहले ड्राइवर को पीटा फिर मुझे
घटना को लेकर गुलाम रसूल वानी ने कहा, ‘मैं चुनाव की ड्यूटी पर था और वेसू की तरफ जा रहा था। वहां जिला मजिस्ट्रेट इंतजार कर रहे थे। उन्होंने (सेना) हाइवे पर ट्रैफिक जाम किया हुआ था। जब उन्होंने मेरी गाड़ी पर एसडीएम का साइन देखा तो हमें जाने दिया गया। हमने तीन चेकपॉइंट पार कर लिए थे, लेकिन चौथे पर एक सैनिक ने हमें रुकने को कहा। हमने गाड़ी रोकी। अचानक सेना के कुछ जवान आए और हमारे वाहन को निशाना बनाया। पहले उन्होंने मेरे ड्राइवर को पीटा और बाद हमें भी।’
20 मीटर घसीटा और तोड़ा सेल फोन
पीड़ित एसडीएम के मुताबिक घटना के समय उनके साथ चार अन्य स्टाफ सदस्य भी थे। उन्होंने कहा, ‘वे मेरा गिरेबां खींच कर मुझे सड़क पर ले गए और कोई 20 मीटर घसीटा। उन्होंने अपनी बंदूकें मुझ पर तान दीं और मेरा सेलफोन छीन कर तोड़ दिया। मेरे ड्राइवर का फोन भी तोड़ दिया।
वानी के मुताबिक बाकी स्टाफ सदस्यों को भी उन्होंने बंदूक दिखा कर बाहर निकलने को कहा। उन्होंने गाड़ी में रखी चुनाव से जुड़ी सामग्री को नुकसान पहुंचाया। वानी ने कहा कि उन्होंने इस घटना की शिकायत कुलगाम के पुलिस उपायुक्त और एसएसपी से की है। उन्होंने मांग की है कि इस बारे में एफआईआर दर्ज हो।