जुबिली न्यूज़ डेस्क
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर से भड़की आग देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। रविवार को दिल्ली के जामिया इलाके में जारी प्रदर्शन अचानक उग्र हो गया और हिंसा भड़क गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और पथराव भी किया। वहीं सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमे दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर प्रशासन द्वारा ही हिंसा भड़काई गई और बसों को आग लगाई गई।
घटना के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से लेकर बीजेपी दिल्ली के प्रमुख मनोज तिवारी तक सभी लोग एक्टिव हो गए हैं। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बीजेपी नेता और उनके समर्थक आम आदमी पार्टी नेता अमानतुल्लाह खान पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा रहे है। वहीं आप नेता बीजेपी पर ध्रुवीकरण और राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।
ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि जल्दी ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 दिसंबर को रामलीला मैदान में एक रैली कर भाजपा के प्रचार का शुभारंभ करेंगे। वहीं आम आदमी पार्टी बिजली, पानी और इन्टरनेट फ्री करके जनता को लुभाने में जुटी हुई है। ऐसे में दिल्ली में भड़की ये हिंसा पूरी तरह से राजनीतिक नफा-नुकसान का मुद्दा बन गई है।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कई ट्वीट करके बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने मामले की जांच की मांग भी की है।
चुनाव में हार के डर से बीजेपी दिल्ली में आग लगवा रही है. AAP किसी भी तरह की हिंसा के ख़िलाफ़ है. ये बीजेपी की घटिया राजनीति है. इस वीडियो में ख़ुद देखें कि किस तरह पुलिस के संरक्षण में आग लगाई जा रही है. https://t.co/IoMfSpPyYD
— Manish Sisodia (@msisodia) December 15, 2019
वहीं मनोज तिवारी ने हिंसा के लिए केजरीवाल के विधायक को जिम्मेदार ठहराया है।
•@ArvindKejriwal के इशारे पर आप का विधायक जनता को भड़का रहा है
भारत का मुसलमान भारत के साथ है, तुम जैसे गद्दारों की बातों में आने वाला नहीं। लोगों को उकसाना बंद करो।
दिल्ली की जनता AAP गद्दारों को सबक़ सिखाएगी
Aap का पाप सामने आ रहा है pic.twitter.com/HUARsjqItT— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) December 15, 2019
इस पूरे घटनाक्रम का सच जो भी हो लेकिन एक बात बिलकुल स्पष्ट है कि अगर बीजेपी ध्रुवीकरण करने में सफल हो जाती है तो पिछले लोकसभा चुनाव की तर्ज पर उसे दिल्ली के चुनाव में लाभ मिलने की सम्भावना है। वहीं केजरीवाल सरकार के कामों पर CAA की आग भारी पड़ सकती है।
यह भी पढ़ें : अमित शाह का बड़ा बयान, क्या नागरिकता कानून में होगा बदलाव ?
यह भी पढ़ें : स्वाति मालीवाल के अनशन को राजनीति के चश्मे से देखने वाले कौन हैं ?