न्यूज डेस्क
जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में 15 दिसंबर को छात्रों के साथ हुई कथित बर्बरता के दो महीने बाद सोशल मीडिया पर वीडियो वार शुरू हो गई है। सबसे पहले एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया, जिसमें लाइब्रेरी में घुसकर पुलिस छात्रों पर डंडे भांजती दिखाई दे रही है। ये वीडियो जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है।
वीडियो में दिखाई दे रहा है कि लाइब्रेरी में कुछ छात्र पढ़ाई कर रहे हैं उसी समय पुलिस लाइब्रेरी में प्रवेश करती है और छात्रों पर लाठियां बरसानी शुरू कर देती है। हालांकि वीडियो में जो सबसे पहला छात्र नजर आ रहा है उसने मुंह पर रुमाल बांध रखा है। इन सब के बीच सोशल मीडिया पर यह सवाल उठ रहे हैं कि लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहा छात्र मुंह पर रुमाल बांधकर क्यों बैठा है।
Exclusive CCTV Footage of Police Brutality in Old Reading Hall, First floor-M.A/M.Phill Section on
15/12/2019
Shame on you @DelhiPolice @ndtvindia @ttindia @tehseenp @RanaAyyub @Mdzeeshanayyub @ReallySwara @ANI @CNN @ReutersIndia @AltNews @BBCHindi @the_hindu @TheQuint @BDUTT pic.twitter.com/q2Z9Xq7lxv— Jamia Coordination Committee (@Jamia_JCC) February 15, 2020
इस वीडियो को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी शेयर किया है और मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देखिए कैसे दिल्ली पुलिस पढ़ने वाले छात्रों को अंधाधुंध पीट रही है। एक लड़का किताब दिखा रहा है लेकिन पुलिस वाला लाठियां चलाए जा रहा है।
गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने झूठ बोला कि उन्होंने लाइब्रेरी में घुस कर किसी को नहीं पीटा। इस वीडियो को देखने के बाद जामिया में हुई हिंसा को लेकर अगर किसी पर एक्शन नहीं लिया जाता तो सरकर की नीयत पूरी तरह से देश के सामने आ जाएगी।
इसके बाद एक और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगा, जिसमें कुछ छात्र हाथ में पत्थर लेकर लाइब्रेरी के अंदर जा रहे हैं। इस वीडियो को पुलिस की लाठीचार्ज से ठीक पहले हुई घटना का वीडियो बताया जा रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्रों के लाइब्रेरी में घुसने के बाद लाइब्रेरी के दरवाजे को बंद कर दिया जाता है।
– Students in library with ‘masks’
– Reading from shut books
– Looking anxiously towards the entrance rather than being relaxed and immersed in studies, which is what a library is meant for…
Anatomy of Jamia rioters who tried hiding in the library after a stone pelting session? pic.twitter.com/lgF8WnLVkP— Amit Malviya (@amitmalviya) February 16, 2020
दरवाजे को बंद करने के बाद लाइब्रेरी के दरवाजे के आगे कंप्यूटर डेस्क को भी घसीटते हुए देखा जा सकता है। ताकि दरवाजे को कोई आसानी से खोल न सके। फिलहाल क्राइम ब्रांच एसआईटी इस सीसीटीवी की जांच कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जो 29 सेकेंड का सीसीटीवी फुटेज वायरल किया गया है। उसमें कांट-छांट की संभावना है। वहीं एसआईटी सीसीटीवी की जांच कर रही है।
वहीं इस वीडियो से पहले जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने जो वीडियो जारी किया था। उसमें सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आए हैं। कमेटी का दावा है कि 15 दिसंबर को जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन हुआ तो उस दौरान पुलिस ने जामिया के अंदर पढ़ रहे छात्रों पर लाठियां बरसाईं।
Watch and Retweet
How Jamiya Rioters entered in Jamiya Library after stone pelting and how they blocked the door#JamiaViolence #Isupportdelhipolice pic.twitter.com/7nXHS135oH
— Neeraj singh (@real_nsr_1) February 16, 2020
स्पेशल कमिश्नर (क्राइम) प्रवीर रंजन ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिए हमें एक वीडियो के बारे में पता चला है जिसे जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी का 15 दिसंबर का बताया जा रहा है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।
दूसरी ओर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया कि उसने नया वीडियो जारी नहीं किया है, जो सोशल मीडिया पर घूम रहा है। इस वीडियो में 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में छात्रों को अर्धसैनिक बल और पुलिस कर्मियों की वर्दी में पिटाई करते हुए दिखाया गया है।
यूनिवर्सिटी ने दी सफाई
यूनिवर्सिटी के पीआरओ अहमद अजीत ने कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) की डॉ जाकिर हुसैन लाइब्रेरी में पुलिस की बर्बरता के संबंध में कुछ वीडियो वायरल हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह वीडियो यूनिवर्सिटी ने जारी नहीं किया है। वीडियो को जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (JCC) द्वारा जारी किया गया है, जिसमें JMI के छात्र और पूर्व छात्र शामिल हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि कई लोग फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूनिवर्सिटी के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यूनिवर्सिटी का ऑफिसल ट्विटर हैंडल @jmiu_official, फेसबुक पेज Jamia Millia Islamia, New Delhi @jmiofficial , और इंस्टाग्राम अकाउंट is jamiamilliaislamia_official है। आजीम ने आगे कहा, ‘हमने ट्विटर से हमारे आधिकारिक हैंडल को वेरिफाय करने की अपील की है और अन्य सोशल मीडिया हैंडल से भी ऐसा ही अनुरोध किया है।’
इधर वीडियो पर अमित शाह ने कहा कि पुलिस को पूरे मामले में शांत रहना होगा। उन्होंने आगे कहा कि गुस्से और उकसावों के बाद भी दिल्ली पुलिस को शांत बने रहना चाहिए, लेकिन उसे लोगों की रक्षा के लिए शरारती तत्वों के साथ सख्ती से निपटने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
बता दें कि साल 2019 के दिसंबर महीने में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान 15 दिसंबर की रात को दिल्ली पुलिस पर जबरन यूनिवर्सिटी के अंदर घुसर कर छात्रों को मारने का आरोप लगया। इसके बाद जामिया प्रशासन ने इस पर सख्त ऐतराज जताया और कहा कि यह सरासर गलत है। दिल्ली पुलिस के पास शिकायत देते हुए इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की गई।