न्यूज डेस्क
तमिलनाडु में 2500 साल पहले से मनाया जाने वाला जल्लीकट्टू आज से शुरू हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंद लगाए जाने के बाद भी इस खेल में तमिलनाडु के लोग बढ़चढ़ कर हिस्स ले रहे हैं। पोंगल के तीसरे दिन खेले जाने वाले इस खेल में इस बार में 700 सांड और 730 लोग हिस्सा ले रहे हैं।
मदुरै के अवनीपुरम में होने वाले इस त्योहार के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। गौरतलब है कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्योहार पर आयोजित किया जाता है। इस दौरान स्थानीय युवक सांडों को वश में करने की कोशिश करते हैं।
जल्लीकट्टू अवनीपुरम में बुधवार को 8 बजे सुबह शुरू हो गया। इसमें 700 सांडों को काबू में करने के लिए 730 लोग मैदान में उतरेंगे। हर घंटे तकरीबन 75 लोग मैदान में उतरेंगे। इस पूरे आयोजन पर निगरानी रखने के लिए मद्रास हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की एक कमेटी बनाई गई है। सांड और उसे काबू में करने वाले व्यक्ति को मैदान में मेडिकल चेकअप के बाद ही उतारा जाएगा।
#WATCH Tamil Nadu: #Jallikattu competitions have begun in Madurai’s Avaniyapuram. 700 bulls and 730 Bull Catchers are participating in it. pic.twitter.com/jMdwRG45gN
— ANI (@ANI) January 15, 2020
इस पूरे आयोजन की सीसीटीवी कैमरे से रिकॉर्डिंग होगी। अवनीपुरम में कानून-व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 30 सदस्यों की एक मेडिकल टीम भी लगाई गई है जिसमें डॉक्टर और नर्सों के अलावा 10 एंबुलेंस शामिल हैं। यह टीम सांड और उसे काबू में करने वाले व्यक्ति पर पल-पल की निगरानी रखेगी। इस बीच जल्लीकट्टू मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में इमरजेंसी सुनवाई होनी है जिसका समय 10 बजे निर्धारित है।
बताते चले कि जल्लीकट्टू मट्टू पोंगल का हिस्सा है, जिसे पोंगल के तीसरे दिन खेला जाता है। तमिल में मट्टू का मतलब बैल या सांड से है। पोंगल के तीसरे दिन मवेशियों की पूजा होती है। इसी विधान के तहत जल्लीकट्टू में सांडों का खेल आयोजित किया जाता है।
इस खेल में सांडों के सींघों में सिक्के या नोट फंसाकर रखे जाते हैं। फिर उन्हें भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है। फिर खेलने वाले लोग उन सांडों को काबू में करते हैं। सांडों को भड़काने के लिए उन्हें शराब पिलाने से लेकर उनकी आंखों में मिर्च भी डाली जाती है। इतना ही नहीं उनकी पूंछ को मरोड़ा जाता है, ताकि वो तेज भाग सकें।