जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. देश की तमाम जेलें अपराधियों की ऐशगाह बन गई हैं. देश की कई ऐसी जेलें हैं जिनमें बैठकर अपराधी बाकायदा अपना गिरोह संचालित करते हैं. यूपी की जेलों के सिपाही जेल में बंद अपराधी की माँगी गई रकम वसूलने जाते रहे हैं लेकिन दिल्ली की अति सुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ जेल में ऐसा मामला प्रकाश में आया है जिसने बाकी सभी मामलों को बौना साबित कर दिया है.
तिहाड़ जेल में बंद अपराधी सुकेश चन्द्रशेखर ने जेल में बैठकर 200 करोड़ रुपये की उगाही कर ली. जेल प्रशासन की मिलीभगत से जेल के भीतर से उसकी सल्तनत चल रही थी. जेल प्रशासन ने 40 कैदियों की क्षमता वाली एक बैरक अकेले सुकेश को सौंप दी थी. बैरक में लगे सीसीटीवी पर्दों से ढंक दिए गए थे. जेल के भीतर उसे लेटेस्ट आईफोन उपलब्ध कराया गया था. इस फोन में इजराइल का सिमकार्ड डाला गया था. इस सिमकार्ड को भारतीय मशीनों के ज़रिये ट्रेस नहीं किया जा सकता. जेल का जैमर भी इस सिम पर कोई प्रभाव नहीं डालता.
सुकेश ने जेल प्रशासन से जो सुविधाएं हासिल की थीं उनकी भरपूर फीस भी वह अदा करता था. जानकारी मिली है कि जेल अधिकारियों को वह हर महीने एक करोड़ 15 लाख रुपये देता था. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की जांच में पता चला है कि सुकेश ने जेल अधिकारियों को दस महीने तक लगातार एक करोड़ 15 लाख रुपये अदा किये थे.
तिहाड़ जेल के दो अधिकारी डी.एस.बत्रा और धर्मवीर मीना पर लम्बे समय तक नज़र रखने के बाद दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. यह दोनों अधिकारी सुकेश द्वारा उगाही गई रकम वसूलने जाते थे. सुकेश भी इन्हीं लोगों के ज़रिये जेल प्रशासन को साधे हुआ था और रिश्वत की रकम भी इन्हीं लोगों के ज़रिये अधिकारियों में बंटती थी.
सुकेश ने तिहाड़ में बना खाना कभी नहीं खाया. उसके लिए रोजाना फाइव स्टार होटल से खाना लाया जाता था. जेल के भीतर आराम का हर साधन उसके पास पहुँचता था.
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