जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक साल से स्कूल-कॉलेज सब बंद है। बच्चे घरों में बंद है और पढ़ाई-लिखाई ऑनलाइन मोड में है।
कोरोना महामारी की वजह से सबसे ज्यादा बच्चे परेशान हुए। उनकी सारी एक्टिविटी चहारदीवारी में कैद हो गई।
उनकी सारी एक्टिविटी वर्चुअल हो गई है। पढ़ाई करनी हो या दोस्तों से बात करना हो, गेम खेलना हो या दोस्तों के साथ कुछ क्रिएटिव वर्ककरना हो, सब वर्चुअल माध्यम से।
हालांकि बहुत सारे बच्चों के लिए कोरोना काल बहुत बोरिंग रहा लेकिन इसी माहौल में भी कुछ बच्चों ने बहुत ही सीमित संसाधन में रचनात्मक काम किया है। महामारी की निराशा के बीच, छात्रों ने अपनी रचनात्मकता को दुनिया के सामने लाया है।
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ऐसा ही कुछ ऐसा ही कुछ दिल्ली यूनीवर्सिटी के हंसराज कॉलेज की इशित्वा और उनके दोस्तों ने किया। इशित्वा ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक डांस फिल्म बनाया है जिसकी खूब वाहवाही हो रही है।
कोरोना काल में घर में बैठकर इन लोगों के लिए यह फिल्म बनाना आसान नहीं था, लेकिन एक एक कहावत है कि जहां चाह, वहीं राह, मतलब आप में कुछ करने का जज्बा है तो आप रास्ता तलाश ही लेते है।
इशित्वा हंसराज कॉलेज में बीए थर्ड इयर (इकोनॉमिक आर्नस) की स्टूडेंट हैं। वह कॉलेज के डांस सोसाइटी टेरासिचोरियन की अध्यक्ष हैं। इन लोगों ने एक गंभीर विषय पर ‘कैथार्सिस’ नाम का डांस फिल्म बनाया। यह फिल्म में भारत के रूढि़वादी समुदायों के बार में बात की गई है। इस शॉर्ट डांस फिल्म के माध्यम से एक मजबूत सामाजिक संदेश देने की कोशिश की गई है।
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इशित्वा की फिल्म ‘कैथार्सिस’ को अपने देश में ही नहीं बल्किअंतरराष्ट्रीय मंच पर भी सराहना मिली है। कई फिल्म फेस्टिबल में इस फिल्म को जगह मिली है। अभी हाल ही में कनाडाई फिल्म फेस्टिबल में इसका चयन हुआ है। 14 मई को इसकी स्क्रीनिंग है।
इशित्वा कहती हैं-लॉकडाउन की वजह से हम काफी समय से घर में है। कॉलेज खुला भी तो बहुत थोड़े समय के लिए। लंबे समय से घर में बंद होने की वजह से डिप्रेशन जैसी फीलिंग आने लगी थी। मुझे लगा कि डिप्रेशन में जाने से बेहतर है कि कुछ क्रिएटिव काम किया जाए। फिर मैंने अपने दोस्तों से बात की। वो तैयार हो गई, लेकिन काफी दिनों तक स्क्रिप्ट पर माथापच्ची होती रही।
इशित्वा कहती हैें, हम लोगों के लिए आसान नहीं था। हम सबने अपने फोन से शूट किया और मैंने एडटिंग की। खैर फिल्म बनकर तैयार हो गई। मुझे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि लोग मेरे इस छोटे से प्रयास की इतनी प्रशंसा करेंगे। अब आगे और अच्छा करने की कोशिश करूंगी।
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