न्यूज़ डेस्क
चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में विकराल रूप ले चुका है। अब तक दुनिया में लाखों लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। भारत में भी इस वायरस का कहर जारी है। लेकिन इस वायरस का कहर सबसे ज्यादा इटली में देखने को मिल रहा है।
इटली के ताजा आंकड़े बता रहे है कि शुक्रवार को इटली में इस वायरस ने जमकर तबाही मचाई है। यहां बीते 24 घंटे में कोरोना की वजह से करीब 627 लोगों की मौत हो गई। जबकि करीब 5986 नये मामलें सामने आये।
गौरतलब है कि शुक्रवार को इन आंकड़ों के सामने आने के बाद इटली में अब तक कोरोना वायरस से मरने वालों की कुल संख्या 4032 हो गई। जबकि संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 47021 पहुंच गई। इसमें करीब ढाई हजार लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद इटली ने चीन को भी पीछे छोड़ दिया है।
व्हाइट हाउस पहुंचा कोरोना
वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस ने दुनिया के सुरक्षित जगहों में से एक अमेरिकी राष्ट्रपति के ऑफिस व्हाइट हाउस में दस्तक दे दी है।यहां एक अधिकारी कोरोना वायरस से पॉजिटिव मिला है। ख़बरों के अनुसार, अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेनेस के साथ नियुक्त एक अधिकारी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है। बता दें कि अमेरिका में इस बीमारी से अबतक 230 लोगों की मौत हो चुकी है।
इटली ने चीन की किया पीछे
इटली और चीन के आये आंकड़े ये बताते हैं कि कोरोना से बुजुर्गों को खतरा ज्यादा है। कोरोना से होने वाली मौत के मामले में गुरुवार रात तक इटली ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। इटली के स्वास्थ्य संस्थान ने अपने एक अध्ययन में कहा है कि ज्यादातर मौतें बुजुर्गों की हुई हैं। इटली में हुई मौत की औसत उम्र 80 साल के आसपास है। इसमें संक्रमित होने वाले लोगों की औसत उम्र 63 साल है।
क्यों हो रही बुजुर्गों को दिक्कत
कोरोना वायरस से बुजुर्गों की सबसे ज्यादा मौत होने की वजह उनकी प्रतिरोध क्षमता का कम होना है। इसके साथ ही डायबिटीज, फेफड़े के रोग जैसी पुरानी बीमारियां भी बड़ी वजह हैं। बुजुर्ग भले ही ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाते हों लेकिन ये संक्रमण युवा लोगों के जरिए भी पहुंच रहा है।