सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। गोमती नगर स्थित यूपी बैडमिंटन अकादमी में 2011 में एशियन जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप का आयोजन हुआ था। उस समय बैडमिंटन भारत में अपनी अलग पहचान बना चुका था।
दरअसल ये पहचान किसी और ने नहीं बल्कि सायना नेहवाल ने दिलायी। उस समय चीनी खिलाडिय़ों के लिए सायना एक अबूझ पहेली बनती जा रही थी लेकिन इस दौर में एक और खिलाड़ी अपनी धमक से विश्व बैडमिंटन में अपनी छाप छोडऩे के लिए तैयार थी। आलम तो ये था कि कोर्ट पर उसकी तेजी देखकर उसे भावी सायना के तौर पर पुकारा जाने लगा।
2011 में एशियन जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप का यहां पर आयोजन हुआ तो यहां से एक ऐसे खिलाड़ी का आगमन हुआ जो भारत को आने वाले समय में दो बार बैडमिंटन पदक दिलाने में सफल रहा है। जी हां ये खिलाड़ी कोई और नहीं था बल्कि पीवी सिंधु थी।
लखनऊ में पीवी सिंधु एशियन जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप में भाग लेने पहुंची थी तब जानकारों ने उन्हें अगली सायना बता दिया था। अगर देखा जाये तो सायना का दौर अब खत्म हो गया है और पीवी सिंधु ने अब उनकी जगह ले ली है।
ओलम्पिक में दो बार पदक जीतने वाली पीवी सिंधु की जीत की राह लखनऊ से निकली है तो यह कहना गलत नहीं होगा। जूनियर एशियन बैडमिंटन चैम्पियनशिप में मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उनको जब लखनऊ में जीत मिली थी उसके बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ गया था।
जूनियर एशियन बैडमिंटन में जब पीवी सिंधु ने लखनऊ में मेडल जीता तो उनका आत्मविश्वास दोगुना हो गया। इसके बाद वह लखनऊ में अक्सर सैय्यद मोदी बैडमिंटन खेलने आया करती थी।
लखनऊ में 2011 में एशियन जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप में दो पदक अपने नाम किये और इसके बाद पीछे मुड़कर उन्होंने नहीं देखा। सैय्यद मोदी बैडमिंटन चैम्पियनशिप के दौरान उन्होंने यहां पर एक विशेष बातचीत में कहा था कि उन्हें ओलम्पिक में देश के लिए पदक जीतना है और इसी वादे को उन्होंने टोक्यो में पूरा भी कर दिया।
उन्होंने इस दौरान बातचीत में कहा था कि लखनऊ में खेलना उन्हें पसंद है और यहां पर आत्मविश्वास और ज्यादा बढ़ जाता है। उनके खेल का क्रेज यहां के प्रशंसकों में साफ देखा जा सकता था
पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी अभिन्न श्याम गुप्ता ने जुबिली पोस्ट से बातचीत में बताया कि उन्हें पहली बार साल 2012 में कोचिंग कैम्प में देखा था। इस दौरान उन्हें यह पता चल गया था आने वाले समय में भारत की अगली सायना है।उनकी चपलता व स्फूर्ति देखकर हर किसी ने अंदाजा लगा लिया था कि आने वाले समय पीवी सिंधु का होगा।
बताते चले कि पीवी सिंधु ने महिला एकल में कांस्य पदक के मुकाबले में वर्ल्ड नंबर-9 चीन की हे बिंग जियाओ को 21-13, 21-15 से हराया। सिंधु का ओलंपिक खेलों में यह दूसरा पदक हैं। इससे पहले उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता था।
अभिन्न श्याम गुप्ता ने ओलम्पिक में पदक जीतने पर कहा कि उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है, उसके पीछे कड़ी मेहनत है। ओलम्पिक में उनके प्रदर्शन ने बैडमिंटन जगत में सनसनी फैला दी है। उन्होंने कहा कि बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ी नई चुनौती बन रहे हैं। पीवी सिंधू ने जिस तरह से जीत दर्ज की है, उससे एक बार फिर बैडमिंटन को भारत को अलग पहचान मिलेगी।
टोक्यो ओलिंपिक में पीवी सिंधु के प्रदर्शन पर एक नजर
- 1 इजराइल की सेनिया पोलिकरपोवा को 21-7, 21-10 से हराया
- 2 हांगकांग की गन यी चियुंग को 21-9, 21-16 से हराया
- 3 डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को प्री-क्वार्टर फाइनल में 21-15, 21-13 से हराया
- 4 जापान की अकाने यामागूची को क्वार्टर फाइनल में 21-13, 22-20 से हराया
- 5 चीनी ताइपे की ताइजु यिंग ने सेमीफाइनल में सिंधु को 21-18, 21-12 से हराया
- 6 ब्रॉन्ज मेडल मैच में चीन की जियाओ बिंग को 21-13, 21-15 से हराया