जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. कृष्ण नगरी मथुरा के जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का पालन कराने में आठ महीने लग गए. मुख्यमंत्री के आदेश के पालन में प्रशासन कौन सा गणित लगा रहा था इसके बारे में तो जानकारी नहीं है लेकिन पहली जून को प्रशासन ने कड़ाई के साथ इस आदेश को लागू करा दिया.
दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आठ महीने पहले अपने मथुरा दौरे में कहा था कि यह धर्म नगरी है. इस वजह से कृष्ण जन्मभूमि के दस किलोमीटर रेडियस में शराब और गोश्त की दुकानों को बंद कर दिया जाए. मुख्यमंत्री ने मथुरा को तीर्थस्थल घोषित किया था. पहली जून को जिला प्रशासन के आदेश के बाद मथुरा में शराब, बियर और भांग की 34 दुकानों के शटर हमेशा के लिए बंद करा दिए गए. मथुरा में अब दूध, दही और मक्खन की दुकानें बढ़ाई जायेंगी.
जिला प्रशासन ने गोश्त की दुकानों के साथ-साथ नान वेज होटलों को मुख्यमंत्री का आदेश होते ही बंद करवा दिया था लेकिन शराब पहले की तरह से बदस्तूर बिकती रही. मुख्यमंत्री के आदेश पर शराब, बियर और भांग की जो दुकानें बंद कराई गई हैं इन्होंने पिछले एक साल में 40 करोड़ रुपये की कमाई की थी. मथुरा में करीब 700 शराब की दुकानें हैं जिनसे सालाना 546 करोड़ रुपये की कमाई होती है.
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