जुबिली स्पेशल डेस्क
मौजूदा वक्त में मणिपुर जल रहा है और यहां पर पिछले सालसे हिंसा से हो रही है। दूसरी ओर पुलिस और सुरक्षा बलों ने अब एक्शन लेना शुरू कर दिया है।ले मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच जोरदार हिंसा देखने को मिल रही है।
अब तक हुई हिंसा कई लोगों के मारे की खबर है। हाल ही में मणिपुर के जिरीबाम जिले में तीन शवों के मिलने के बाद राज्य में हिंसा और आक्रोश एक बार फिर देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं इंफाल घाटी के कई इलाकों में लोगों ने जोरदार तरीके से विरोध प्रदर्शन किया है।
वहीं शवों को लेकर कहा जा रहा है कि जिरीबाम से लापता हुए लोगों का ही ये शव है। इनमें एक महिला और दो बच्चे के शव है। शवों की बरामदी के बाद लोगों का गुस्सा भडक़ गया और लोग सडक़ पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया है।
स्थानीय बाजारों और दुकानों को पूरी तरह से बंद रखा गया। आनन-फानन में इंफाल में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई। मणिपुर की राजधानी इंफाल में कफ्यू लगा दिया गया है। राज्य सरकार ने इस हिंसा के बाद शनिवार (16 नवंबर 2024) को स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया। वहीं मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने गहरी चिंता जाहिर की है और सरकार से अपील की है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने मणिपुर हिंसा पर चिंता जताई है. संघ ने कहा कि मणिपुर हिंसा का समाधान नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। आरएसएस ने कहा कि पिछले 19 महीने से जारी हिंसा अभी तक नहीं सुलझी है। हिंसा के कारण कई निर्दोष लोगों की जान चली गई. लाखों लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। हिंसा की वजह से बेकसूर लोगों को काफी नुकसान हो रहा है।
संघ ने मणिपुर में महिलाओं और बच्चों पर हुई क्रूरता की कड़ी निंदा की. यह कृत्य कायरतापूर्ण है और मानवता के सिद्धांतों के खिलाफ है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार को जल्द से जल्द इस संघर्ष का हल निकालना चाहिए।