न्यूज डेस्क
पिछले दिनों अभिनेता राहुल बोस को एक होटल में दो केले के लिए 442 रुपए का बिल दिया गया था। इस मामले में होटल फेडरेशन (FHRAI) ने चंडीगढ़ के जेडब्ल्यू मैरियट होटल का बचाव करते हुए कहा है कि होटल ने दो केलों की कीमत 442 रुपए वसूलकर कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है।
FHRAI ने एक बयान जारी कर होटल का बचाव करते हुए कहा कि केलों पर 18 पर्सेंट जीएसटी वसूला जाना भी गलत नहीं था, बल्कि कानूनी अनिवार्यता थी। फेडरेशन ने आगे कहा, ‘जेडब्ल्यू मैरियट चेन के होटल कई शहरों में हैं और इस चेन के सभी होटलों में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर अपनाया जाता है। हमें यह समझने की जरूरत है कि होटल खुद फल-सब्जियों की खरीद-फरोख्त नहीं करता बल्कि कमरों की सर्विस देता है, साथ में रेस्ट्रॉन्ट की सर्विस देता है, जिसमें खाद्य व पेय पदार्थों की सप्लाई शामिल है।’
गौरतलब है कि पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें राहुल बोस चंडीगढ़ के जेएसडब्ल्यू मैरियट होटल की शिकायत करते नजर आते हैं। उनकी शिकायत थी कि होटल ने उनसे दो केलों के लिए 442 रुपये का बिल थमाया। केलों के दाम में 18 पर्सेंट जीएसटी शामिल है, जो ताजे फल और सब्जियों पर नहीं वसूला जा सकता।
FHRAI के वीपी गुरबक्शीश सिंह कोहली ने कहा, ‘मार्केट प्राइस पर रीटेल स्टोर्स में केले खरीदे जा सकते हैं, लेकिन होटल में सर्विस, क्वालिटी, प्लेट, कटलरी, साफ-सफाई, ऐंबिएंस और लग्जरी भी साथ में मिलती है, अकेले कमोडिटी नहीं मिलती।’ उन्होंने कहा कि सड़क किनारे जो कॉफी 10 रुपये में मिलती है, वह एक लग्जरी होटल में 250 रुपये की हो जाती है।
फेडरेशन ने यह स्पष्ट किया कि 18 पर्सेंट जीएसटी चार्ज लगाकर भी होटल ने कुछ गलत नहीं किया। हालांकि, फेडरेशन ने इस तरह के मामलों को लेकर मेंबर होटलों को एक अडवाइजरी जारी कर कहा है, जहां ग्राहक खाने-पीने की वे चीजें ऑर्डर करते हैं, जो होटल के मेन्यू में नहीं होतीं।