जुबिली न्यूज डेस्क
विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन है। जिसमें बंध कर दो व्यक्ति एक साथ जीवन साथी बन कर अपना जीवन अपने रीति रिवाजों के अनुसार व्यतीत करने का संकल्प लेते हैं। हर धर्म जाति समाज संप्रदाय में अपने अलग-अलग रीत रिवाजों से विवाह संपन्न किया जाता है। और इस प्रकार के विवाह को समाज द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है। लेकिन अब विवाह का सर्टिफिकेट भी अनिवार्य हो गया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है लेकिन इसके तहत किसी धार्मिक रीति रिवाज में कोई दखलंदाजी नहीं की गयी है।
यूपी में विवाह पंजीकरण अनिवार्य
यूपी सरकार ने प्रदेश के सभी नागरिकों के लिए अपना Marriage Registration कराना भी अनिवार्य कर दिया है। ताकि उन्हें कई प्रकार की सुविधाओं का लाभ भी प्राप्त कराया जा सके।उत्तर प्रदेश में रहने वाले मुस्लिम अगर एक से अधिक शादियां कर चुके हैं या करने वाले है तो उन्हें अपने प्रत्येक विवाह का पंजीकरण कराना होगा।पंजीकरण फार्म में मुस्लिमों के लिये चार शादियां तक पंजीकृत कराने की सुविधा होगी। लेकिन ऐसा अन्य धर्मो के लोगों के मामले में नहीं है। अन्य धर्मो के मामले में पहली पत्नी के रहते दूसरे विवाह की अनुमति नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 को मंजूरी दे दी है।
पंजीकरण को लेकर लग सकता है इतना समय
इस फैसले के लागू होने के बाद अब सभी वर्गो को पंजीकरण कराना जरूरी होगा। मुस्लिमों को भी अपने निकाह का पंजीकरण कराना होगा।लेकिन इस पंजीकरण सुविधा की शुरूआत में अभी करीब 15 दिन का समय लग सकता है। क्योंकि नोटिफिकेशन जारी होने के बाद स्टांप और निबंधन विभाग इसका क्रियान्वयन करायेगा।प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने कहा है,”सरकार का किसी धर्म के रीति रिवाज में दखल देने का कोई इरादा नही है। अगर मुस्लिम समाज के किसी व्यक्ति की एक से अधिक पत्नियां है तो उसे परेशान होने की जरूरत नही है।
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मुस्लिमों को भी कराना होगा विवाह पंजीकरण
मुस्लिम व्यक्ति जब अपना विवाह पंजीकरण करायेंगे तो उनके पास चार विवाह तक पंजीकृत कराने का मौका होगा। उसके लिये उन्हें अलग अलग पंजीकरण फार्म भरने होंगे। अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति ने एक शादी अभी की है और दो साल बाद दूसरी शादी करता है तो अभी अपनी पहली शादी का पंजीकरण करा ले। बाद में जब दूसरी शादी करे तो तब दूसरी शादी का पंजीकरण करा लें। लेकिन अगर अभी तक वह एक से अधिक शादियां कर चुका है तो उसे अपनी हर शादी का पंजीकरण कराना होगा। मुस्लिम समाज के लोगों को चार शादियों के पंजीकरण की सुविधा होगी लेकिन हिन्दू या अन्य धर्मो के लोगो की एक ही शादी पंजीकृत हो पायेगी।”
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