Monday - 28 October 2024 - 9:19 PM

क्या चंद्रयान से पहले पहुंच जाएगा रूस का रॉकेट लुना-25?, इसरो प्रमुख ने बताई ये बात

जुबिली न्यूज डेस्क

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने मंगलवार को कहा, ”चंद्रयान 3 के सेंसर या दोनों इंजन काम ना भी करें, तब भी विक्रम सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होगा. सोमनाथ बोले, विक्रम को ऐसे बनाया गया है कि वो किसी भी तरह की विफलता के बाद पैदा हुई स्थिति को संभाल सके.

इसरो प्रमुख कहते हैं, ”अगर सब कुछ फेल हो जाता है और सारे सेंसर भी काम करना बंद कर दें और कुछ भी काम ना करे तब भी विक्रम लैंडिंग करेगा. बस शर्त ये है कि इसका प्रिप्लशन सिस्टम (प्रणोदन प्रणाली) सही से काम करे.इस सिस्टम का काम होता है कि किसी ऑब्जेक्ट को आगे की तरफ ले जाना. चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम 23 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.

चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव बहुत ऊबड़-खाबड़ है, इसलिए वहां किसी यान का उतरना बेहद मुश्किल माना जाता है. लेकिन तब भी विभिन्न देश वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां बर्फ मौजूद है, जिससे ईंधन, पानी और ऑक्सीजन निकाली जा सकती हैं, जो मानव जीवन के लिए आवश्यक हैं.

इसरो ने चंद्रयान 3 के मामले में सबसे बड़ी चुनौती हॉरिजॉन्टल विक्रम को वर्टिकली चांद की सतह पर उतारने को बताया है. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. चंद्रयान-3 पांच अगस्त को चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया था. चांद के पास पहुंचाने से पहले तीन बार डि-ऑर्बिटिंग की कवायद होगी. ये डि-कॉर्बिटिंग नौ, 14 और 16 अगस्त को की जानी है. दो दिन पहले ही चंद्रयान-3 ने चांद की तस्वीरें भेजी थीं. इन तस्वीरों में चांद का ज़्यादा स्पष्ट रूप देखा जा सकता है.

चंद्रयान-3 और रूस के लूना-25 के बीच होड़

जितनी जल्दी में रूस का यह अभियान तैयार किया गया है, उससे लगता है कि वह भारत के चंद्रयान-3 से पहले भी चंद्रमा पर उतर सकता है. हालांकि रोसकॉसमोस ने किसी तरह के मुकाबले से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि दोनों अभियान एक-दूसरे के रास्ते में नहीं आएंगे और दोनों के लैंडिंग एरिया अलग-अलग हैं.

भारत के चंद्रयान-3 और रूस के लूना-25 के बीच चांद पर पहले पहुंचने की होड़ मची है. रूस करीब 50 साल बाद शुक्रवार यानी 11 अगस्त को अपना पहला चंद्र लैंडिंग अंतरिक्ष यान लॉन्च करने के लिए तैयार है. यह मिशन भारत के चंद्रयान-3 की लैंडिंग की तारीख के करीब आता है. चंद्रमा की सतह पर उनके उतरने की समय-सीमा भी चंद्रयान-3 से मेल खा सकती है या उससे थोड़ा कम भी हो सकती है. तो चलिए जानते हैं चांद पर कदम रखने के मामले में कौन बाजी मारने वाला है.

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23 अगस्त को करेगा लैंड

इससे पहले 8 अगस्त को इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम सभी सेंसर और दो इंजनों के बावजूद भी 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सक्षम होगा. यह बात स्पष्ट है कि दोनों की लैंडिंग अलग-अलग जगहों पर होगी, मगर तारीख अब तक सेम ही बताई जा रही है. लेकिन अब तक स्पेसिफिक टाइम को लेकर कोई

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