जुबिली न्यूज डेस्क
इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच करीब 5 दशक से चली आ रही दुश्मनी अब खत्म हो गई है। ये दोनों मुल्क अब दोस्त बन गए हैं। यह कारनामा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने कर दिखाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की वजह से ही पश्चिमी एशिया के तो शक्तिशाली देश एक साथ आने को तैयार हुए।
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दरअसल, यूएई और इजराइल ने गुरुवार को उस समझौते के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने पर सहमति जताई, जिसमें ट्रंप द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई है। तीनों देशों का कहना है कि इससे पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति लाने में मदद मिलेगी और इसके तहत इजराइल वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की योजना को स्थगित कर देगा।
एक संयुक्त बयान जारी कर कहा गया, ‘इस ऐतिहासिक कूटनीतिक सफलता से पश्चिम एशिया में शांति लाने में मदद मिलेगी।’ ट्रंप ने ओवल आफिस से कहा, ’49 वषोंü बाद इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात अपने राजनयिक संबंध सामान्य बनाएंगे।’
उन्होंने कहा कि ”दोनों देश अपने दूतावासों और राजदूतों का आदान प्रदान करेंगे और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग शुरू करेंगे जिनमें पयüटन, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, व्यापार और सुरक्षा शामिल हैं। अब जब दोस्ती की शुरूआत हो गई है, मैं उम्मीद करता हूं कि और अरब एवं मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात का अनुसरण करेंगे।’
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इस समझौते के तहत इजराइल वेस्ट बैंक के बड़े हिस्सों को अपने में मिलाने की योजना को स्थगित कर देगा। यूएई की सरकारी समाचार एजेंसी ‘वाम ने गुरुवार को अमेरिका, इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात का एक संयुक्त बयान साझा किया।
इस बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप सुप्रीम कमांडर ने बृहस्पतिवार को बात की और इजरायल और यूएई के बीच संबंधों के पूणü रूप से सामान्य बनाने सहमति व्यक्त की। बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट किया कि यह एक ‘ऐतिहासिक दिन है।’