न्यूज डेस्क
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस्लाम से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए इस्लामिक चैनल लाने की बात कही थी। इस पर इजरायल ने तंज कसा है।
गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका के दौरे पर गए थे। जहां उन्होंने मलेशिया के पीएम और तुर्की के राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद ‘बीबीसी टाइप’ चैनल शुरू करने की घोषणा की थी।
इमरान ने कहा कि दुनियाभर में इस्लामोफोबिया को दूर करने के लिए नया चैनल शुरू किया जाएगा। इमरान के इस बयान पर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि इमरान भले ही इस्लामोफोबिया की बात कर रहे हों, लेकिन उनके इस दांव के पीछे मुसलमानों का मसीहा बनने की कोशिश भी छिपी हुई है। वह इस तरह कश्मीर पर मुस्लिम देशों को भी साधना चाहते हैं।
इजरायल ने दिखाया आईना
इजरायल की मीडिया ने पाकिस्तान, मलेशिया और मलेशिया के कानूनों, विरोधियों पर एक्शन और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का जिक्र करते हुए आईना दिखाने की कोशिश की है।
पाकिस्तान की इस पहल पर यरूशलम पोस्ट ने कहा, ‘एक ऐसे देश के नेता जिनके यहां ईशनिंदा के लिए मौत की सजा है, एक नेता जो गर्व से खुद को यहूदी-विरोधी बताता है और एक नेता जो पड़ोसी मुल्कों को धमकाता है आज एक टीवी चैनल शुरू करने की बात कर रहे हैं जो इस्लामोफोबिया के खिलाफ संघर्ष करेगा।’
इतना ही नहीं येरूशलम पोस्ट ने आगे कहा है-‘मलेशिया के पीएम मोहम्मद महातिर खुलकर खुद को यहूदी-विरोधी कहते हैं और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी बताते हैं। तुर्की में एर्दोगन ने अपने विरोधियों को खत्म कर दिया है और सीरिया में सैन्य बलों की संख्या बढ़ाई है। पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का प्रयोग अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है जिनमें ईसाइयों के साथ अहमदी मुसलमान भी हैं। पाकिस्तान में अहमदी मुसलमानों को खुद को मुस्लिम कहने की भी अनुमति नहीं है।’
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बीबीसी टाइप होगा चैनल- इमरान
पाक पीएम इमरान खान ने चैनल शुरू करने के बारे में ट्वीट करते हुए लिखा- ‘अपनी बैठक में हमने बीबीसी की तरह का अंग्रेजी टीवी चैनल स्थापित करने का फैसला किया है। चैनल मुसलमानों के मुद्दों को उठाने के साथ इस्लामोबोफिया से भी लड़ेगा।’
इमरान ने इस्लाम से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करने के उद्देश्य पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘जिन गलतफहमियों से लोग मुसलमानों के विरूद्ध एकजुट हो जाते हैं, उन्हें दुरूस्त किया जाएगा। ईशनिंदा कानून को उपयुक्त संदर्भ में रखा जाएगा। अपने लोगों और दुनिया को मुस्लिम इतिहास के बारे में जानकारी देने के लिए सीरीज और फिल्में बनाई जाएंगी।’
Our meeting in which we decided to set up a BBC type English language TV Channel that, apart from highlighting Muslim issues, will also fight Islamophobia. pic.twitter.com/GA6o15oJFH
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 30, 2019
मलेशिया ने भी दिया जोर
अमेरिका में पाक पीएम इमरान खान और तुर्की के प्रेजिडेंट से मुलाकात के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री ने इस्लाम से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने पर जोर दिया था।
मलेशिया के पीएम महातिर ने कहा, ‘हमने महसूस किया कि इस्लाम और मुसलमानों के बारे में कई खबरें गलत हैं। इस्लाम जो संदेश देता है, उसकी सही तस्वीर पेश नहीं की जा रही है। मुसलमानों को आतंकवादी के रूप में पेश करते हैं और दुनिया उसे सच मान लेती है, जबकि इस्लाम कोई हिंसक धर्म नहीं है।’
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