जुबिली स्पेशल डेस्क
हमास और इजरायल पिछले 20 दिन से जंग जारी है। इस जंग में अब तक गाजा पट्टी में 6500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद जंग थमने का नाम नहीं ले रही है।
हालात तो ऐसे हैं कि दोनों तरफ से लगातार जवाबी हमला जारी है। इसकी शुरुआत पहले सात अक्टूबर को हमास ने की थी। इसके बाद जवाब देने के लिए इजरायल ने भी हमला बोला और लगातार रॉकेट और मिसाल ने हमला जारी रखा है।
इस बीच बड़ी अपडेट ये आ रही है कि हमास का डेलिगेशन अब ईरान के मंत्री को लेकर रूस पहुंच गया है ताकि वहां पर बैठक कर मामले को सुलझाया जा सके।
बताया जा रहा है कि रूस में हुई बैठक के बाद ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि हमास युद्ध के दौरान बंधक बनाए गए लोगों को रिहा करने और उन्हें ईरान को सौंपने के लिए तैयार है।
इस अहम बैठक में गाजा पट्टी पर इजरायली अटैक और इजरायली वॉर क्राइम को रोकने को लेकर हुई। इस बैठक में हमास के एक प्रतिनिधिमंडल ने रूसी राष्ट्रपति के विशेष दूत मिखाइल बोगदानोव और विदेश मामलों के उपमंत्री से मुलाकात की।
हमास के प्रतिनिधिमंडल ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस कदम की तारीफ की है और उनकी सराहना की और रूसी कूटनीति की सक्रिय भूमिका को स्वीकार किया। उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इजरायली सेना के नरसंहार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी संभालने के महत्व पर जोर दिया।
बता दे कि इजरायल लगातार गाजा को टारगेट कर रहा है। ऐसे में ये जंग अब महायुद्ध में भी बदल सकती है। इसके पीछे मिडिल ईस्ट का एक अपना अलग रूख है। दरअसल ईरान से लेकर मिडिल ईस्ट के 57 मुल्क एक होते हुए नजर आ रहे हैं और इजरायल को चेतावनी दे रहे हैं कि इजरायल की सेना गाजा पट्टी में घुसती है तो युद्ध के नए मोर्चे खुल जाएंगे जबकि इजरायल की सेना गाजा की सीमा में दाखिल हो चुकी है और वो जमीनी स्तर पर अपना ऑपरेशन चला रही है।
इजरायल की सेना की पहला बार हमास के आतंकियों से जमीनी भिड़ंत हुई है। इजरायल के अंदर घुसने से महायुद्ध का खतरा और बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में ईरान सहित मिडिल ईस्ट इजरायल को लेकर कोई कदम उठा सकते हैं।