जुबिली न्यूज डेस्क
तेलअवीव: इजरायल और हमास के बीच युद्ध से गाजा में भयानक हालात हैं और अब तक करीब 20 हजार लोग मारे गए हैं। हमास के हमले के बाद इजरायल ने अपने इलाके में फलस्तीनी लोगों के काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में इजरायल में कंस्ट्रक्शन से लेकर खेती करने के लिए कामगारों की भारी कमी हो गई है।
बता दे कि इजरायली उद्योगों के बार-बार चेतावनी देने के बाद आखिरकार पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले दिनों भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। यही नहीं पिछले सप्ताह इजरायल के ‘सेलेक्टर्स’ की टीम ने भारत का दौरा किया था। अब ताजा घटनाक्रम में अगले सप्ताह इजरायल से सेलेक्टर्स का दूसरा दल भारत आ रहा है और हजारों भारतीय वर्कर्स को भर्ती करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
27 दिसंबर से भर्ती की प्रक्रिया शुरू
इजरायल के बिल्डर्स संघ के मुताबिक सबसे ज्यादा वर्कर्स की डिमांड कंस्ट्रक्शन सेक्टर में है। इजरायली बिल्डर्स संघ के डेप्युटी डायरेक्टर शाय पौजनेर ने कहा कि हम दिल्ली और चेन्नई में अगले सप्ताह 27 दिसंबर से भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं। वर्तमान समय में हम 10 हजार वर्कर्स को लाने की योजना बना रहे हैं जिसे सरकार ने अपनी मंजूरी भी दे दी है। अगर सब सही रहा तो इसे आने वाले समय में बढ़ाकर 30 हजार किया जाएगा। यह एक सतत प्रक्रिया है जो आने वाले कई महीने में पूरी होगी।’
पीएम मोदी और इजरायली पीएम के बीच हुई बात
पौजनेर ने कहा, ‘यह सेलेक्शन प्रक्रिया अगले सप्ताह शुरू होगी और अगले 10 से 15 दिन तक चलेगी।’ इजरायल बिल्डर्स संघ के अधिकारी इजचक गुरविट्ज के नेतृत्व में एक दल पिछले सप्ताह भारत आया था। इसके अलावा इजरायल के कई अन्य अधिकारी भी भारत आने जा रहे हैं। इजरायल के विनिर्माण मंत्रालय के महानिदेशक भी भारत जा रहे हैं। इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच भारत से कामगारों को लेकर आने पर बात हुई थी। इजरायली पीएम की गुहार के बाद माना जा रहा है कि दोस्त भारत ने भारतीयों को इस हिंसा प्रभावित देश में जाने की मंजूरी दे दी है।
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पौजनेर ने पिछले महीने कहा था कि हमें तत्काल वर्कर्स की सख्त जरूरत है। किसी भी हालत में इजरायल की सरकार को यह सोचना होगा कि कहां से निर्माण करने के लिए कामगार आएंगे। इजरायल को उन क्षेत्रों में विदेशी कामगारों की जरूरत है जिसमें उनके पास लोगों की कमी है।
फलस्तीनीयों के वर्क परमिट खत्म
इजरायल में लगातार कई बड़े कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ाया जा रहा है जिसमें हजारों की तादाद में वर्कर्स की जरूरत है। इसी वजह से इजरायल के बिल्डर्स संघ सरकार से कई बार विदेशी कामगारों को लाने की गुहार लगा चुके हैं। इससे पहले वेस्ट बैंक से 80 हजार और गाजा से 17 हजार फलस्तीनी काम करने के लिए इजरायल आते थे। इनमें से ज्यादातर के वर्क परमिट हमास के हमले के बाद खत्म कर दिए गए हैं।