Wednesday - 30 October 2024 - 12:09 PM

इसराइल हमला: जानें कौनसा देश पक्ष में कौन विपक्ष में….

जुबिली न्यूज डेस्क 

इसराइल पर हमास के हमले को लेकर दुनिया के ज्यादातर देशों ने कड़ी निंदा की है. वहीं कुछ देश हमास के पक्ष में है.  वहीं ईरान और यमन ने हमलों का स्वागत किया है. जानिए इन हमलों पर भारत समेत तमाम देशों ने क्या कहा? दशकों से चले आ रहे विवाद में बहुत से देशों का रुख पहले से तय है लेकिन इस बार हमास के हमले के कारण बहुत से पक्ष अपना रुख तय करना मुश्किल पा रहे हैं. बहुत से देशों ने युद्ध को थामने की अपील की है.

पक्ष

भारत, इटली, जर्मनी और ब्रिटेन ने इलराइल के समर्थन में बयान दिये हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस्राएल पर हुए हमले से उन्हें आघात पहुंचा है. उन्होंने कहा कि “मुश्किल की इस घड़ी में वह इसराइल के साथ हैं.”

भारत

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनका देश “मुश्किल की इस घड़ी में इस्राएल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है.” मोदी ने इस्राएल पर हुए “आतंकी हमले को बेहद बेचैन करने वाली खबर” बताया.

अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा, “अमेरिका किसी भड़काऊ कार्रवाई के बिनाइस्राएली नागरिकों पर हमास के इन हमलों की घोर निंदा करता है. व्हाइट हाउस के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सॉलिवन इस्राएली अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं. बयान में आगे कहा गया, “हम पूरी दृढ़ता से इस्राएल की सरकार और जनता के साथ खड़े हैं और हम इन हमलों में गई इस्राएली जानों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.”

यूरोपीय संघ

यूरोपीय संघ ने हमास के हमलों की कड़ी आलोचना की है. यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट उर्सुला फोन डेय लायन ने इस्राएल का समर्थन करते हुए कहा, “इन वीभत्स हमलों के खिलाफ इस्राएल को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है.”

जर्मनी

जर्मन चांसलर ओलाफ शॉत्ल्स ने इस्राएल पर हुए औचक हमले की कड़ी निंदा की है. सोशल मीडिया पर शॉल्त्स ने लिखा, “आज इस्राएल से चौंकाने वाली खबर हमारे पास आ रही है. गजा से रॉकेट हमले और बढ़ती हिंसा हमें विचलित कर रही है. जर्मनी हमास के इन हमलों की निंदा करता है और इस्राएल के साथ खड़ा है.”

यूक्रेन

खुद रूसी आक्रमण झेल रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस्राएल के आत्मरक्षा के अधिकार को निर्विवादित करार देते हुए कहा, “आतंक हमेशा एक अपराध है, न सिर्फ एक देश या खास पीड़ितों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए.”

फ्रांस

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा, फ्रांस “पूरी तरह इस्राएल और पीड़ितों के साथ खड़ा है. देश सिरे से आतंकवाद को खारिज करता है और इस्राएल की सुरक्षा के प्रति वचनबद्ध है.”

विपक्ष

ईरान

ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह अली खमेनेई के एक वरिष्ठ सलाहकार ने हमलों को “गौरवशाली ऑपरेशन” करार दिया. न्यूज एजेंसी ISNA से याह्या रहीम सफावी ने कहा, “हम इस ऑपरेशन का समर्थन करते हैं.”सफावी ने “फलीस्तीन और येरुशलम की आजादी तक फलस्तीनी उग्रवादियों के समर्थन” की इच्छा जताई.शनिवार को ईरानी संसद के सदन में कई सांसदों ने “डाउन विद इस्राएल,” “डाउन विद अमेरिका” और “वेलकम फलीस्तीन” के नारे भी लगाए.

सऊदी अरब

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक अपने बयान में कहा, “राजशाही दोनों पक्षों के बीच तुरंत तनाव पर रोक लगाने, नागरिकों की रक्षा करने और स्व-नियंत्रण की अपील करती है.”

यमन

यमन की राजधानी सना पर कब्जा करने वाले ईरान समर्थक हूथी विद्रोहियों ने हमास के हमले को “जबरदस्त जिहादी ऑपरेशन” करार दिया है. साबा न्यूज एजेंसी पर छपे एक बयान में हूथी विद्रोहियों ने कहा कि यह हमला इस्राएल की “कमजोरी, भंगुरता और नपुंसकता को दर्शाता है.”

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रूस

मॉस्को में रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखरोवा ने कहा, “हम फलीस्तीनी और इस्राएली पक्षों से तुरंत हिंसा को खारिज करने, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद से संघर्ष विराम और जरूरी एहतियात दिखाने की अपील करते हैं, ताकि बहुप्रतीक्षित और दीर्घकालीन शांति के लिए जरूरी सर्वांगीण समझौते की प्रक्रिया स्थापित की जा सके.”

तुर्की

तुर्की ने कहा, “मैं तुरंत हिंसा बंद करने की मांग करता हूं और सभी पक्षों और इलाके के अहम देशों से अपील करता हूं कि वे तनाव को कम करते हुए और ज्यादा खूनखराबा न होने दें.”

चीन

चीन ने कहा कि वो फिलिस्तीन और इजरायल के बीच तनाव और हिंसा में बढ़ोतरी से बहुत चिंतित है और वह दोनों पक्षों से शांत रहने की अपील करता है. 

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